किसानों को बड़ा तोहफा, बढ़ गई इस फसल की कीमत, अब इस दर से होगा भुगतान

Good news for farmers, Govt increased price of sugarcane

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  • Publish Date - January 25, 2023 / 04:00 PM IST,
    Updated On - January 25, 2023 / 05:10 PM IST

चंडीगढ़ : Govt increased price of sugarcane  हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने गन्ने की कीमत में 10 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की घोषणा की है। इसके साथ ही राज्य में गन्ने का मूल्य बढ़कर 372 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। दूसरी ओर प्रदेश के किसान गन्ने के राज्य अनुशंसित मूल्य (एसएपी) को 362 रुपये से बढ़ाकर 450 रुपये प्रति क्विंटल करने की मांग कर रहे थे। नई कीमत चालू पेराई सत्र से लागू होगी।

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Govt increased price of sugarcane  खट्टर ने कहा कि किसानों के हितों की रक्षा राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं किसानों से आग्रह करता हूं कि कीमतों में बढ़ोतरी की गई है और अब उन्हें अपना गन्ना मिलों में लाना चाहिए ताकि मिलें सुचारू रूप से चल सकें। चीनी मिलों का बंद होना न तो किसानों के हित में है और न ही मिलों के।’’ चीनी मिलों में पेराई हाल ही में बंद हो गई थी क्योंकि विरोध कर रहे किसानों ने राज्य की 14 मिलों के मुख्य प्रवेश द्वारों पर ताला लगाकर गन्ने की आपूर्ति बंद कर दी थी।किसान गन्ने के राज्य अनुशंसित मूल्य को 362 रुपये से बढ़ाकर 450 रुपये प्रति क्विंटल करने की मांग कर रहे थे।

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एक सरकारी बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री ने कहा कि हालांकि चीनी की मौजूदा कीमत उम्मीद के मुताबिक नहीं बढ़ी है, लेकिन हरियाणा अन्य राज्यों की तुलना में अधिक कीमत दे रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष और कुछ किसान संघ इस मुद्दे पर (गन्ना मूल्य के मुद्दे पर) राजनीति कर रहे हैं, जो उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि किसान भी आज समझ गए हैं कि चीनी मिलें घाटे में चल रही हैं और इसके बावजूद सरकार किसानों के हित में फैसले ले रही है।

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सरकारी आंकड़ों के हवाले से बयान में कहा गया है कि इस समय राज्य की चीनी मिलों को 5,293 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि सहकारी मिलों में चीनी की प्राप्ति (रिकवरी) का प्रतिशत 9.75 प्रतिशत है जबकि निजी मिलों का प्रतिशत 10.24 प्रतिशत है। उन्होंने आगे कहा कि चीनी की रिकवरी बढ़ाने और मिलों को आर्थिक रूप से स्थिर बनाने के लिए एथनॉल और ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के साथ सहकारी चीनी मिलों की क्षमता बढ़ाई जा रही है। इसके अलावा मिलों का जीर्णोद्धार किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जे पी दलाल की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई थी और गन्ना किसानों की मांगों पर विचार करने के बाद समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंपी थी।

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उन्होंने कहा कि समिति ने किसानों, सहकारिता विभाग, निजी मिलों और विषय विशेषज्ञों के साथ कई बैठकें कीं और अन्य महत्वपूर्ण सिफारिशों के साथ बढ़ोतरी की सिफारिश की। उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों को समय पर भुगतान का आश्वासन दिया गया है। वर्ष 2020-21 में कुल 2,628 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है, इसलिए इस वर्ष के लिए कोई राशि लंबित नहीं है। खट्टर ने कहा कि सहकारी चीनी मिलों को एक सप्ताह के भीतर किसानों को भुगतान करने का निर्देश दिया गया है। किसानों को यह पेशकश भी की गई है कि अगर वे चीनी मिल चलाना चाहते हैं तो सरकार इसपर भी विचार कर सकती है। इस बीच, मुख्यमंत्री ने कहा कि कड़ाके की ठंड के कारण सरसों की फसल को नुकसान हुआ है। नुकसान का आकलन करने के लिए पांच फरवरी से नियमित गिरदावरी (राजस्व सर्वेक्षण) शुरू की जाएगी और किसानों को नुकसान का मुआवजा दिया जाएगा।