नयी दिल्ली, 15 दिसंबर (भाषा) नागर विमानन मंत्री के. राममोहन नायडू ने सोमवार को राज्यसभा में कहा कि सरकार हवाई किराए में हो रही बढ़ोतरी के मुद्दे को गंभीरता से ले रही है और इस तरह के मनमाने किरायों को रोकना चाहती है। इसके लिए वह डीजीसीए की किराया निगरानी इकाई को मजबूत बना रही है।
नायडू ने उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा कि सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से ले रही है। उन्होंने कहा कि हवाई किराए में बढ़ोतरी आमतौर पर इसलिए होती है क्योंकि यह विनियमित क्षेत्र नहीं है। उन्होंने कहा कि हवाई यात्रा में सीआईएसएफ सहित कई हितधारक शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि लेकिन सरकार यह सुनिश्चित करने का प्रयास करती है कि यात्रियों को हर स्तर पर कोई परेशानी नहीं हो और हवाई यात्रा सुचारू हो।
मंत्री ने कहा, ‘‘मंत्रालय इस मुद्दे (हवाई किराए) को गंभीरता से ले रहा है। डीजीसीए (नागर विमानन महानिदेशालय) की किराया निगरानी इकाई को और मजबूत बनाया जा रहा है। हम घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों मार्गों पर निगरानी बढ़ा रहे हैं। सरकार मनमाने किरायों पर रोक लगाना चाहती है।’
नायडू ने कहा कि हवाई किरायों में बढ़ोतरी आम तौर पर इसलिए होती है क्योंकि यह विनियमित क्षेत्र नहीं है और मांग और आपूर्ति में असंतुलन है। उन्होंने कहा कि जब मांग बहुत अधिक हो जाने पर तो कीमतें बढ़ने लगती हैं।
छह दिसंबर को किरायों की सीमा तय करने के संबंध में मंत्री ने कहा, ‘‘हम सभी इंडिगो संकट से अवगत हैं और हम सभी जानते हैं कि कितनी परेशानी हुई। इस दौरान जो एक बड़ी समस्या उत्पन्न हुई वह थी भारतीय विमानन क्षेत्र की क्षमता संबंधी बाधाएं।’’
उन्होंने कहा कि इंडिगो एक प्रमुख एयरलाइन है और इसके संचालन में कटौती के कारण भारी व्यवधान और उड़ानें रद्द हुईं। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए आम तौर पर इसका दूसरा पहलू हवाई किराए में वृद्धि होगी। यही कारण है कि हमें हवाई किराए को उचित और किफायती रखना होगा…इसलिए हमने किरायों की सीमा तय की है।’
उन्होंने कहा कि हवाई किराए में अन्य कारणों से भी वृद्धि हो सकती है, जिन पर मंत्रालय करीबी नजर रखता है और उन्हें नियंत्रण में रखने के लिए हितधारकों के साथ लगातार बातचीत करता है।
भाषा अविनाश माधव
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