Govt Teachers Transfer Order Canceled: सरकारी शिक्षकों के लिए बड़ी खबर.. हाईकोर्ट ने रद्द किया ट्रांसफर ऑर्डर.. सिर्फ डीओ के आधार पर हुआ था आदेश

सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त महाधिवक्ता वाईपीएस धौल्टा ने पुष्टि किया कि, विवादित स्थानांतरण आदेश वास्तव में डीओ नोट के आधार पर जारी किया गया था। इस पर गौर करते हुए, अदालत ने कहा कि इस तरह की कार्रवाई में कानूनी औचित्य का अभाव है और आदेश को रद्द कर दिया।

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  • Publish Date - June 22, 2025 / 11:02 AM IST,
    Updated On - June 22, 2025 / 11:02 AM IST

Govt Teachers Transfer Order Canceled Latest News || Image- IBC24 News File

HIGHLIGHTS
  • हाईकोर्ट ने डीओ नोट पर आधारित ट्रांसफर रद्द किया।
  • अमरीक सिंह का ट्रांसफर आदेश न्यायालय ने अवैध बताया।
  • स्थानांतरण आदेश बिना समीक्षा के, प्रशासनिक निष्पक्षता का उल्लंघन।

Govt Teachers Transfer Order Canceled Latest News: शिमला: हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने शनिवार को एक सरकारी स्कूल शिक्षक के स्थानांतरण आदेश को रद्द कर दिया। उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा है कि यह स्थानांतरण अधिकारियों द्वारा किसी भी स्वतंत्र समीक्षा के बिना “केवल डीओ (अर्ध-आधिकारिक) नोट के आधार पर” किया गया था और इस प्रकार प्रशासनिक निष्पक्षता के सिद्धांतों का उल्लंघन किया गया।

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दायर की गई थी याचिका

दरअसल न्यायमूर्ति ज्योत्सना रेवाल दुआ ने शिक्षा खंड बगस्याड़ के सरकारी प्राथमिक विद्यालय केल्टी में तैनात जूनियर बेसिक शिक्षक चित्तर सिंह द्वारा दायर याचिका (सीडब्ल्यूपी संख्या 9828/2025) पर सुनवाई करते हुए पाया कि, उन्हें धरमपुर-I ब्लॉक के जीपीएस करारी पपलोग में स्थानांतरित करने वाले 4 जून के स्थानांतरण आदेश का कोई वैध प्रशासनिक औचित्य नहीं था। इस पर अदालत ने कहा कि, “चूंकि याचिकाकर्ता को सक्षम प्राधिकारी द्वारा किसी स्वतंत्र विचार के बिना केवल डीओ नोट के आधार पर स्थानांतरित किया गया है, इसलिए, दिनांक 04.06.2025 के आरोपित स्थानांतरण आदेश को याचिका के आधार पर रद्द और रद्द किया जाता है।”

सरकार से माँगा था जवाब

Govt Teachers Transfer Order Canceled Latest News: याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि, वह 2018 से जीपीएस केल्टी में सेवारत था और 4 जून का स्थानांतरण आदेश राजनीतिक प्रभाव में मनमाने ढंग से पारित किया गया था, जिसमें 16 मई, 2025 के डीओ (डेमी ऑफिशियल) नोट संख्या 190870 को आदेश का एकमात्र आधार बताया गया था। उन्होंने यह भी बताया कि उनके स्थान पर किसी अन्य को नियुक्त नहीं किया गया था और वह वर्तमान स्कूल में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना जारी रखे हुए थे। 19 जून को न्यायालय ने स्थानांतरण आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी और सरकार से इस बारे में स्पष्ट स्पष्टीकरण के साथ जवाब मांगा था कि क्या स्थानांतरण वास्तव में केवल डी.ओ. नोट पर ही किया गया था।

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सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त महाधिवक्ता वाईपीएस धौल्टा ने पुष्टि किया कि, विवादित स्थानांतरण आदेश वास्तव में डीओ नोट के आधार पर जारी किया गया था। इस पर गौर करते हुए, अदालत ने कहा कि इस तरह की कार्रवाई में कानूनी औचित्य का अभाव है और आदेश को रद्द कर दिया। साथ ही कहा, न्यायाधीश ने कहा, “प्रतिवादियों के लिए यह स्वतंत्र होगा कि वे लागू स्थानांतरण नीति के अनुसार कानून के अनुसार याचिका को स्थानांतरित कर सकें।”