नयी दिल्ली, 15 दिसंबर (भाषा) समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद धर्मेंद्र यादव ने सोमवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार कॉर्पोरेट के लिए काम कर रही है और उसने पिछले 11 वर्षों के कार्यकाल में किसानों का एक भी कर्ज माफ नहीं किया है तथा आज तक स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को भी लागू नहीं किया है।
यादव ने लोकसभा में ‘वर्ष 2025-26 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांगें-प्रथम बैच और संबंधित विनियोग विधेयक’ पर चर्चा के दौरान यह बात कही।
उन्होंने कहा कि सरकार ने इन अनुपूरक मांगों के तहत यूरिया सब्सिडी के नाम पर बजट मांगा है और इस सरकार में किसानों के लिए बड़ी-बड़ी बातें कही गई हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘सच्चाई यह है कि संप्रग सरकार के समय 2014 में जहां किसानों पर 7.5 लाख करोड़ रुपये कर्ज था, वह अब बढ़कर 28.5 लाख करोड़ रुपये हो गया है। यह तब प्रति किसान केवल 37 हजार रुपये था जो अब प्रति किसान 78 हजार रुपये हो चुका है।’’
यादव ने आरोप लगाया, ‘‘यह सरकार चुनिंदा कॉर्पोरेट के लिए काम करती है। इसने पूरे कार्यकाल में किसानों का एक भी कर्ज माफ नहीं किया, लेकिन कॉर्पोरेट के बड़े-बड़े कर्ज माफ किए हैं।’’
उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों की आमदनी दोगुनी करने का वादा किया, लेकिन पूरे 11 साल में प्रति किसान आमदनी केवल एक हजार रुपये बढ़ी है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को आज तक लागू नहीं किया गया।
सपा सांसद ने रोजगार के मामले में (सरकार की ओर से) फर्जी आंकड़े पेश किए जाने का दावा करते हुए कहा, ‘‘विदेशी संस्थाएं भी यह कहने लगी हैं कि भारत फर्जी आंकड़े पेश कर रहा है।’’
उन्होंने कहा कि 2010 में ही कई दलों ने जातिगत गणना की मांग की थी, लेकिन तत्कालीन कांग्रेस-नीत सरकार ने इसे नहीं कराके गलती की थी। यादव ने कहा कि आज राजग ने यह वादा किया है, लेकिन जनता को उस पर भरोसा नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार को बताना चाहिए कि जनगणना में जातिगत गणना शामिल होगी या नहीं।’’
यादव ने यह आरोप भी लगाया, ‘‘यूरिया की सब्सिडी किसानों के पास नहीं जाकर सत्तापक्ष के बिचौलियों और अधिकारियों की जेब में जा रही है।’’
चर्चा में भाग लेते हुए शिवसेना के रवींद्र दत्ताराम वायकर ने कहा कि अनुदान की अनुपूरक मांगों में 18,528 करोड़ रुपये यानी कुल मांग का बड़ा हिस्सा उर्वरक विभाग के लिए आवंटित किया जाना है।
उन्होंने कहा कि जब युद्ध चल रहे हैं, आपूर्ति शृंखला टूट रही है और खाद की दर बढ़ रही है, ऐसे में सस्ती खाद उपलब्ध कराने के लिए यह मांग की गई है।
वायकर ने मुंबई और महाराष्ट्र में एनआरसी की तर्ज पर अवैध घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें निर्वासित किये जाने की मांग की। उन्होंने मुंबई में एक एम्स की स्थापना की भी मांग की।
लोक जनशक्ति (रामविलास) की शांभवी चौधरी ने कहा कि विपक्ष के नेता बार-बार पूछ रहे हैं कि अनुदान की मांगों की क्या जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन हमारा लोकतंत्र जीवंत है और सरकार गतिशील है। यह पैसा गरीबों, वंचितों के लिए है।’’
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सुधाकर सिंह ने विनियोग विधेयक को ‘दिशाहीन’ और ‘लक्ष्यहीन’ करार देते हुए कहा, ‘‘यह आंकड़ों और भ्रमजाल के अलावा कुछ नहीं।’’
वाईएसआरसीपी के पीवी मिथुन रेड्डी ने विशाखापत्तनम इस्पात संयंत्र का धीरे-धीरे निजीकरण किये जाने का दावा करते हुए कहा, ‘‘हम इसका विरोध करते हैं।’’
भाषा वैभव सुरेश
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