चुनावी ड्यूटी पर न्यूनतम अध्यापकों को लगाने संबंधी दिशानिर्देश का सख्ती से पालन हो:उच्च न्यायालय

चुनावी ड्यूटी पर न्यूनतम अध्यापकों को लगाने संबंधी दिशानिर्देश का सख्ती से पालन हो:उच्च न्यायालय

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  • Publish Date - February 13, 2025 / 05:54 PM IST,
    Updated On - February 13, 2025 / 05:54 PM IST

प्रयागराज (उप्र), 13 फरवरी (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में निर्देश दिया है कि अध्यापकों को बूथ (मतदान केंद्र) स्तर के अधिकारी के तौर पर नियुक्त किए जाने की जरूरत नहीं है और न ही उन्हें चुनावी ड्यूटी पर लगाया जाए।

उच्च न्यायालय ने कहा कि उनकी तैनाती तभी की जाए जब अन्य वर्गों के कर्मचारियों की उपलब्धता न हो।

न्यायमूर्ति अजय भनोट ने यह टिप्पणी करते हुए स्पष्ट किया कि चुनावी ड्यूटी पर “अध्यापकों की कम से कम तैनाती” के संबंध में निर्वाचन आयोग के दिशानिर्देश का सख्ती से पालन करना होगा।

झांसी जिले में एक प्राथमिक स्कूल के सहायक अध्यापक सूर्य प्रताप द्वारा ने बूथ स्तर के अधिकारी की ड्यूटी पर लगाए जाने और मतदाता सूची में संशोधन जैसे कार्य दिए जाने के खिलाफ अदालत में यह याचिका दायर की है।

निर्वाचन आयोग के दिशानिर्देशों पर गौर करने के बाद उच्च न्यायालय ने कहा, “निर्वाचन आयोग के दिशानिर्देश शिक्षा के अधिकार के मामले में समाज में अध्यापकों की भूमिका और लोकतंत्र में चुनावी कार्य की आवश्यकता के बीच संतुलन बनाने के प्रयास के तहत अध्यापकों की तैनाती पर रोक लगाता है।”

उच्च न्यायालय ने कहा कि उक्त दिशानिर्देश में स्पष्ट आदेश है कि अध्यापकों को चुनावी ड्यूटी पर तभी लगाया जाएगा जब अन्य सभी वर्गों के कर्मचारियों की तैनाती पूरी हो गई हो।

न्यायमूर्ति भनोट ने कहा, “राज्य के अधिकारी अध्यापकों के खाली समय पर हल्के या अव्यवस्थित ढंग से अतिक्रमण नहीं कर सकते। जब तक अन्य विकल्पों का पूरी तरह से दोहन न कर लिया जाए, तबतक अध्यापकों को उनके आत्मचिंतन के समय से नहीं हटाया जाना चाहिए।”

भाषा राजेंद्र

राजकुमार

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