हरियाणा के किसानों को उनकी फसलों का समय पर भुगतान नहीं किया गया: कुमारी सैलजा

हरियाणा के किसानों को उनकी फसलों का समय पर भुगतान नहीं किया गया: कुमारी सैलजा

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  • Publish Date - April 27, 2025 / 09:09 PM IST,
    Updated On - April 27, 2025 / 09:09 PM IST

चंडीगढ़, 27 अप्रैल (भाषा) कांग्रेस महासचिव और सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा ने रविवार को आरोप लगाया कि हरियाणा में किसानों को उनकी खरीदी गई फसलों का भुगतान पाने के लिए कई सप्ताह तक इंतजार करना पड़ रहा है, जबकि सरकार ने 72 घंटे के भीतर भुगतान का वादा किया था।

सैलजा ने यहां एक बयान में आरोप लगाया, ‘‘सरकार ने खरीद के 72 घंटे के भीतर भुगतान का वादा किया था, लेकिन 873 करोड़ रुपये का भुगतान अब भी लंबित है।’’

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अनाज मंडियों का संचालन ध्वस्त हो गया है।

उन्होंने कहा, ‘मंडियों में गेहूं के ढेर सड़ रहे हैं और भाजपा सरकार मूकदर्शक बनी हुई है। परिवहन, श्रम और प्रबंधन हर स्तर पर अराजकता है। फिर भी सरकार की असंवेदनशीलता बरकरार है। भाजपा सरकार के तहत किसान खोखले वादों और झूठी घोषणाओं के बोझ तले दबे हुए हैं।’

सैलजा ने कहा कि गेहूं खरीद के संबंध में किए गए सभी वादे अधूरे रह गए हैं, जबकि खरीद का आधा समय बीत चुका है।

उन्होंने कहा, ‘अनाज मंडियों में कोई सुविधा नजर नहीं आ रही है, जबकि सरकार अपनी सफलता का दावा करते हुए अपनी पीठ थपथपा रही है।’

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘सच्चाई यह है कि भाजपा कभी भी किसान हितैषी नहीं रही, वे केवल दिखावा करते हैं।’

हरियाणा के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने शुक्रवार को कहा कि सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि खरीदे गए गेहूं का उठान शीघ्र हो और किसानों को निर्धारित समय के भीतर सीधे उनके बैंक खातों में भुगतान प्राप्त हो।

इस बीच, एक अलग बयान में कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने आरोप लगाया कि हरियाणा में मंडियां फसलों से भरी हुई हैं।

उन्होंने कहा, ‘अतिरिक्त अनाज डालना तो दूर, खड़े होने के लिए भी जगह नहीं है, लेकिन सरकार उठान में तेजी लाने के लिए अब भी तैयार नहीं है।’

हुड्डा ने आरोप लगाया कि हर फसल सीजन की तरह भाजपा ने बड़े-बड़े दावे किए थे और हर बार की तरह इस बार भी उसके झूठ की पोल खुल गई।

हुड्डा ने आरोप लगाया, ‘मंडियों में अव्यवस्था के कारण किसान परेशान हैं। जिस गति से गेहूं मंडियों में आ रहा है, उस गति से उसकी खरीद नहीं हो रही है। पूरे प्रदेश से किसानों की शिकायतें आ रही हैं कि उन्हें जानबूझकर इंतजार करवाया जा रहा है। पहले खरीद और फिर फसल के उठान में देरी की जा रही है, ताकि भुगतान में देरी हो सके।’

भाषा नोमान रंजन

रंजन