उच्च न्यायालय ने सोमनाथ भारती की याचिका पर बांसुरी स्वराज से जवाब मांगा
उच्च न्यायालय ने सोमनाथ भारती की याचिका पर बांसुरी स्वराज से जवाब मांगा
नयी दिल्ली, 14 अगस्त (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को आम आदमी पार्टी (आप) नेता सोमनाथ भारती की उस याचिका पर भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज को नोटिस जारी किया, जिसमें लोकसभा चुनाव में कथित भ्रष्ट आचरण के आधार पर उनके (बांसुरी) निर्वाचन को चुनौती दी गई है।
न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा ने स्वराज को 30 दिन के भीतर अपना जवाब दाखिल करने को कहा।
इस बीच, अदालत ने ‘आप’ के पूर्व मंत्री राज कुमार आनंद को इस आधार पर पक्षकारों की सूची से हटा दिया कि उनके खिलाफ कार्रवाई का कोई कारण नहीं बनता है।
आनंद ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन नतीजों के बाद वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए थे।
भारती और स्वराज दोनों ने नई दिल्ली लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था। भारती को 3,74,815 वोट मिले, जबकि स्वराज को 4,53,185 वोट मिले थे।
जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 80 और 81 के तहत दायर याचिका में स्वराज, उनके चुनाव एजेंट और अन्य पर भ्रष्ट आचरण में लिप्त होने का आरोप लगाया गया है।
याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि राज कुमार आनंद ने ‘आप’ के मत प्रतिशत में सेंध लगाकर स्वराज की मदद करने के लिए बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था। बाद में 10 जुलाई को वह भाजपा में शामिल हो गए।
इसमें कहा गया है कि आनंद दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार में मंत्री थे और 10 अप्रैल को अचानक पार्टी से इस्तीफा देने से पहले नौ अप्रैल तक भारती के लिए चुनाव प्रचार में सक्रिय थे।
याचिका में दावा किया गया है कि चुनाव के दिन, निर्वाचन क्षेत्र में मतदान केंद्रों के दौरे के दौरान याचिकाकर्ता यह देखकर हैरान रह गए कि स्वराज के मतदान एजेंट के पास उनकी मतपत्र संख्या, फोटो, चुनाव चिह्न और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तस्वीर वाले पर्चे थे और वे उन्हें मतदाताओं को दिखा रहे थे और उनसे मतपत्र संख्या 1 पर वोट देने के लिए कह रहे थे।
इसमें आरोप लगाया गया है, ‘‘ऐसा कृत्य निश्चित रूप से भ्रष्ट आचरण के अंतर्गत आता है। इसकी सूचना प्रतिवादी संख्या 3 (निर्वाचन अधिकारी) को भी दी गई थी।’’
भाषा
देवेंद्र पवनेश
पवनेश

Facebook



