उच्च न्यायालय ने ट्यूब प्रक्रिया से हवाई यातायात नियंत्रकों की श्वांस विश्लेषण जांच की अनुमति दी

उच्च न्यायालय ने ट्यूब प्रक्रिया से हवाई यातायात नियंत्रकों की श्वांस विश्लेषण जांच की अनुमति दी

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  • Publish Date - September 3, 2020 / 09:43 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:13 PM IST

नयी दिल्ली, तीन सितंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को ट्यूब प्रक्रिया से हवाई यातायात नियंत्रकों (एटीसी) की श्वांस विश्लेषण जांच की अनुमति दे दी, जिसे कोविड-19 महामारी के चलते रोक दिया गया था।

उच्च न्यायालय ने इस जांच पर रोक लगाने के 23 मार्च के अपने अंतरिम आदेश में संशोधन करते हुए कहा कि डीजीसीए मेडिकल बोर्ड की 16 जून की सिफारिशों को मानने के लिये बाध्य है।

न्यायमूर्ति नवीन चावला ने पिछले आदेश में संशोधन और चिकित्सा सेवा महानिदेशालय (डीजीएमएस) की मेडिकल रिपोर्ट को कार्यान्वित करने की अपील करने से संबंधित नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) की अर्जी स्वीकार कर ली।

डीजीएमएस के मेडिकल बोर्ड की सिफारिशों के अनुसार एक मशीन से एक ही व्यक्ति की जांच की जाएगी और अगले 12 घंटे तक इसे दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।

अदालत ने कहा कि एटीसी और यात्रियों के हित को संतुलित करने के साथ ही इस बात पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि वर्तमान में पायलटों की भी चरणबद्ध तरीके से श्वांस विश्लेषण जांच की जा रही है।

यह आवेदन एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स गिल्ड (इंडिया) की लंबित याचिका के तहत दिया गया था। अदालत में गिल्ड का प्रतिनिधित्व पीयूष सांघी और खुशबू साहू कर रहे हैं। आवेदन में नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) को वायरस के प्रसार को रोकने के लिए ट्यूब प्रक्रिया के माध्यम से जांच करने पर अस्थायी रूप से पाबंदी लगाने का निर्देश देने की अपील की गई थी।

भाषा जोहेब अविनाश

अविनाश