न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और संजीव खन्ना को चीफ जस्टिस बनाए जाने का विरोध, राष्ट्रपति को पत्र

न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और संजीव खन्ना को चीफ जस्टिस बनाए जाने का विरोध, राष्ट्रपति को पत्र

न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और  संजीव खन्ना को चीफ जस्टिस बनाए जाने का विरोध, राष्ट्रपति को पत्र
Modified Date: November 29, 2022 / 08:37 pm IST
Published Date: January 16, 2019 8:09 am IST

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति कैलाश गंभीर ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को एक पत्र लिखा है, जिसमें कॉलेजियम के फैसले पर आपत्ति जताई गई है। जिसमें सर्वोच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी को शामिल करने की सिफारिश की गई थी।

बता दें कि न्यायमूर्ति कैलाश गंभीर ने अपने पत्र में लिखा है कि 32 न्यायाधीशों की वरिष्ठता को नज़र अंदाज़ करके न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना को शीर्ष न्यायालय में भेजे जाने का निर्णय गलत है। इसके लिए उन्होंने अपने पात्र में इस बात का भी उल्लेख किया है कि न्यायमूर्ति खन्ना दिवंगत न्यायामूर्ति एचआर खन्ना के भतीजे हैं, जिन्होंने आपातकाल के दौरान असहमति वाला एक फैसला दिया था।

इस पत्र में गंभीर ने राष्ट्रपति को सम्बोधित करते हुए लिखा है कि जिस तरह न्यायमूर्ति एचआर खन्ना की वरिष्ठता को नजरअंदाज कर अन्य न्यायाधीश को प्रधान न्यायाधीश बनाए जाने को भारतीय न्यायपालिका के इतिहास में काला दिन माना जाता है। उसी तरह 32 न्यायाधीशों की वरिष्ठता की अनदेखी करके न्यायमूर्ति संजीव खन्ना को न्यायाधीश बनाया जाना एक और काला दिन होगा।


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