कोलकाता। Bengal Primary Teachers: कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने बुधवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए पश्चिम बंगाल के 32,000 प्राथमिक विद्यालय शिक्षकों की नियुक्तियां बहाल कर दीं। ये नियुक्तियां पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा 2014 की शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) के पैनल के माध्यम से वर्ष 2016 में की गई थीं।
न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती और न्यायमूर्ति रीताब्रत कुमार मित्रा की डिवीजन बेंच ने कहा कि एकल पीठ के आदेश को बरकरार रखने का कोई ठोस आधार नहीं है, क्योंकि सभी भर्तियों में अनियमितताओं के सबूत पेश नहीं किए गए। पीठ ने टिप्पणी की कि नौ वर्ष बाद इतने बड़े पैमाने पर शिक्षकों की नौकरी समाप्त करने का असर शिक्षकों और उनके परिवारों के लिए अत्यंत प्रतिकूल होगा।
Bengal Primary Teachers: खंडपीठ ने बताया कि हाईकोर्ट के निर्देश पर की गई CBI जांच में प्रारंभिक रूप से 264 नियुक्तियों में अतिरिक्त अंक देने जैसी अनियमितताएं चिह्नित की गई थीं। हालांकि एजेंसी को ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला कि अंक बाहरी हस्तक्षेप या किसी संस्था के निर्देश पर दिए गए थे। इसके अलावा 96 अन्य नियुक्तियां भी जांच के दायरे में आईं, लेकिन उनकी सेवाएं सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पहले ही बहाल की जा चुकी हैं। अदालत ने माना कि उपलब्ध साक्ष्य पूरी चयन प्रक्रिया को रद्द करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं।
12 मई 2023 को तत्कालीन न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की एकल पीठ ने आरोपों के आधार पर 32,000 प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्तियां रद्द कर दी थीं। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया था कि प्राथमिक शिक्षा बोर्ड ने चयन प्रक्रिया में गड़बड़ी की और भर्ती के नियमों का पालन नहीं किया। खंडपीठ के ताज़ा आदेश के बाद अब सभी 32,000 शिक्षक अपनी नौकरी पर बने रहेंगे, जिससे राज्यभर में शिक्षा व्यवस्था भी राहत महसूस करेगी।
Bengal Primary Teachers पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कलकत्ता हाईकोर्ट की खंडपीठ के आदेश पर खुशी जताई। बनर्जी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि हम अदालत के आदेश से खुश हैं। यह बड़ी राहत की बात है कि इन शिक्षकों की नौकरियां बच गईं। हम नौकरियां पैदा करना चाहते हैं, उन्हें छीनना नहीं। सच्चाई की जीत हुई : राज्य के शिक्षा मंत्री कोलकाता। पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रत्यु बसु ने कलकत्ता हाईकोर्ट की खंडपीठ के फैसले की सराहना करते हुए बुधवार को कहा कि सच्चाई की जीत हुई है क्योंकि शिक्षकों की नौकरियां ‘सुरक्षित’ बनी हुई हैं। बसु ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि प्राथमिक विद्यालय के 32,000 शिक्षकों की नौकरियां पूरी तरह सुरक्षित हैं। शिक्षकों को मेरी शुभकामनाएं। सच्चाई की जीत हुई है।