भुवनेश्वर, 28 जुलाई (भाषा) हीराकुंड बांध के प्राधिकारियों द्वारा महानदी में इस मौसम में पहली बार बाढ़ का पानी छोड़े जाने के बाद ओडिशा सरकार ने रविवार को सात निचले जिलों के जिलाधिकारियों को ‘हाई अलर्ट’ पर रहने और लोगों को नदी के किनारे न जाने के लिए सतर्क करने का निर्देश दिया।
बांध प्राधिकारियों ने पारंपरिक पूजा के बाद द्वार संख्या सात को खोला और उसके बाद अन्य द्वार भी खोले गए। कुल 20 द्वार तीन चरणों में खोले जाएंगे, ताकि ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में भारी वर्षा के बीच अतिरिक्त पानी को बाहर निकाला जा सके। बांध के सात द्वार सुबह साढ़े नौ बजे, सात द्वार दोपहर 12.30 बजे और बाकी छह द्वार अपराह्न ढाई बजे खोले जाएंगे।
सुबह छह बजे हीराकुंड का जलस्तर 616.93 फुट था, जबकि जलाशय की क्षमता 630 फुट है। जलाशय में पानी का प्रवाह 3,16,000 क्यूसेक था, जबकि बाहर छोड़े जा रहे पानी का प्रवाह 40,126 क्यूसेक था।
राज्य सरकार ने एक बयान में कहा, ‘‘संबलपुर, सोनपुर, नयागढ़, पुरी, कटक, जगतसिंहपुर और केंद्रपाड़ा के जिलाधिकारियों को निचले इलाकों के लोगों को महानदी के किनारे न जाने के लिए सचेत करने को कहा गया है। जानवरों को भी नदी के करीब जाने की अनुमति नहीं होगी। जिलाधिकारियों से भी सतर्क रहने और स्थिति पर नजर रखने का अनुरोध किया गया है।’’
भाषा सिम्मी पारुल
पारुल