Holi in Aligarh Muslim University: क्या अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में मनाई जाएगी ‘होली?’.. BJP सांसद बोले, ‘मनाइये, जो मारपीट करेगा, उसको ऊपर पहुंचा देंगे’

देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में यह विवाद किस दिशा में जाता है और क्या विश्वविद्यालय प्रशासन अपने फैसले पर कायम रहता है या राजनीतिक दबाव में कोई नया रुख अपनाता है।

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  • Publish Date - March 7, 2025 / 07:48 PM IST,
    Updated On - March 7, 2025 / 07:50 PM IST

Holi Milan Samaroh Aligarh Muslim University || Image- Malappuram Centre Unofficial

HIGHLIGHTS
  • कर्नाटक बजट 2025: मुस्लिम समुदाय के लिए 4% सार्वजनिक निर्माण अनुबंधों में आरक्षण
  • भाजपा का हमला: कर्नाटक सरकार के आरक्षण फैसले को बताया 'संविधान विरोधी' और 'तुष्टीकरण'
  • सियासी घमासान: कांग्रेस ने फैसले को बताया 'सामाजिक न्याय', भाजपा ने कहा 'वोट बैंक राजनीति'

Holi Milan Samaroh Aligarh Muslim University : नई दिल्ली: देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में शामिल अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) एक बार फिर राजनीतिक विवादों के केंद्र में आ गई है। इस बार विवाद विश्वविद्यालय परिसर में प्रस्तावित ‘होली मिलन समारोह’ को लेकर उठा है। कुछ छात्र संगठनों ने इस कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति मांगी थी, जिसे विश्वविद्यालय प्रशासन ने खारिज कर दिया। प्रशासन का कहना है कि किसी नई परंपरा की शुरुआत नहीं की जाएगी।

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AMU प्रशासन का रुख

इस मुद्दे पर AMU के प्रॉक्टर प्रोफेसर वसीम अली खान ने जानकारी देते हुए बताया कि 26 फरवरी को पांच छात्रों ने कुलपति को संबोधित एक पत्र दिया था, जिसमें 9 मार्च को होली समारोह के लिए विशेष स्थान आवंटित करने की मांग की गई थी। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस अनुरोध को अस्वीकार करते हुए स्पष्ट किया कि पहले कभी इस तरह की अनुमति नहीं दी गई है, इसलिए इस बार भी इसका पालन किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि छात्र अपने संबंधित विभागों और छात्रावासों में पारंपरिक रूप से होली मनाते रहे हैं, लेकिन विश्वविद्यालय स्तर पर किसी विशेष आयोजन की अनुमति नहीं दी जाएगी।

राजनीतिक विवाद की एंट्री

Holi Milan Samaroh Aligarh Muslim University : AMU प्रशासन के इस फैसले के बाद राजनीतिक विवाद भी तेज हो गया है। खासकर, भाजपा सांसद सतीश गौतम के बयान ने इस मुद्दे को और भड़का दिया है। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, “होली मनाने के लिए किसी परमिशन की जरूरत नहीं है। जो मारपीट करेगा, उसे ऊपर पहुंचा देंगे।”

उनके इस बयान को लेकर सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। जहां कुछ लोग इसे धार्मिक आस्थाओं से जोड़कर देख रहे हैं, वहीं कुछ इसे अनुशासन और परंपरा से जुड़ा मामला बता रहे हैं।

AMU में होली समारोह को लेकर यह पहली बार विवाद नहीं हुआ है। इससे पहले भी विश्वविद्यालय में पारंपरिक आयोजनों से हटकर किसी भी नए कार्यक्रम को लेकर अक्सर बहस होती रही है। विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि वह किसी भी त्योहार को लेकर भेदभाव नहीं करता, बल्कि अपनी स्थापित परंपराओं के तहत ही निर्णय लेता है।

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Holi Milan Samaroh Aligarh Muslim University : अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में यह विवाद किस दिशा में जाता है और क्या विश्वविद्यालय प्रशासन अपने फैसले पर कायम रहता है या राजनीतिक दबाव में कोई नया रुख अपनाता है।

1. कर्नाटक सरकार ने मुस्लिम समुदाय के लिए 4% आरक्षण किस क्षेत्र में दिया है?

कर्नाटक सरकार ने सार्वजनिक निर्माण अनुबंधों में श्रेणी-II बी के तहत मुस्लिम समुदाय के लिए 4% आरक्षण प्रदान किया है।

2. क्या यह आरक्षण केवल मुस्लिम समुदाय के लिए लागू होगा?

नहीं, यह आरक्षण अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), श्रेणी-I, श्रेणी-II ए और श्रेणी-II बी के अन्य आपूर्तिकर्ताओं को भी दिया गया है।

3. विपक्ष इस फैसले का विरोध क्यों कर रहा है?

विपक्ष, विशेष रूप से भाजपा, इस फैसले को असंवैधानिक बताते हुए इसे तुष्टीकरण की राजनीति और अन्य पिछड़े वर्गों के अधिकारों का हनन मान रही है।

4. कांग्रेस सरकार ने इस फैसले का क्या बचाव किया है?

कांग्रेस सरकार का कहना है कि यह निर्णय सामाजिक न्याय और समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए लिया गया है, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर समुदायों को फायदा मिलेगा।

5. इस फैसले का राज्य की राजनीति पर क्या असर पड़ सकता है?

यह फैसला कर्नाटक की राजनीति में बड़ा मुद्दा बन सकता है, क्योंकि विपक्ष इसे भेदभावपूर्ण बताते हुए विरोध कर रहा है, जबकि सरकार इसे समावेशी नीति करार दे रही है।