गृह मंत्री विमान दुर्घटना के बाद ‘भाग्य पर व्याख्यान’’ के बजाय जवाबदेही का वादा कर सकते थे: कांग्रेस

गृह मंत्री विमान दुर्घटना के बाद 'भाग्य पर व्याख्यान’’ के बजाय जवाबदेही का वादा कर सकते थे: कांग्रेस

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  • Publish Date - June 13, 2025 / 10:25 AM IST,
    Updated On - June 13, 2025 / 10:25 AM IST

नयी दिल्ली, 13 जून (भाषा) कांग्रेस ने अहमदाबाद विमान दुर्घटना में 200 से अधिक लोगों की मौत पर शुक्रवार को दुख जताया और कहा कि मौके का दौरा करने के बाद गृह मंत्री अमित शाह ‘भाग्य पर व्याख्यान देने’ के बजाय जवाबदेही तय करने का वादा कर सकते थे।

शाह विमान हादसे के कुछ घंटे बाद अहमदाबाद पहुंचे थे और कहा था कि दुर्घटनाग्रस्त हुए एअर इंडिया के विमान का तापमान ईंधन जलने के कारण इतना अधिक था कि किसी को बचा पाने की कोई गुंजाइश ही नहीं थी।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘कांग्रेस एआई-171 विमान दुर्घटना में जान गंवाने वाले सभी यात्रियों, चालक दल के सदस्यों, और उन निर्दोष लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करती है जो दुर्घटनास्थल के आसपास मौजूद थे और हादसे का शिकार हो गए। हम इस त्रासदी से प्रभावित परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट करते हैं।’

उन्होंने कहा, ‘यह एक बेहद भीषण और हृदय विदारक दुर्घटना है, जिसने पूरे देश को गहरे दुःख और सदमे में डाल दिया है। कांग्रेस पार्टी इस सामूहिक दुख और पीड़ा के समय में राष्ट्र के साथ खड़ी है।’

कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने शाह के बयान का संक्षिप्त वीडियो साझा करते हुए ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘जब एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया और लोगों की मौत हो गई, तो गृह मंत्री कम से कम जवाबदेही का वादा कर सकते हैं, न कि भाग्य पर व्याख्यान दें।’

उनके मुताबिक, गृह मंत्री ने कहा कि ‘दुर्घटनाओं को कोई नहीं रोक सकता।’ खेड़ा ने सवाल किया, ‘यदि कुछ भी रोका नहीं जा सकता, तो हमारे पास मंत्रालय हैं ही क्यों?

उन्होंने कहा, ‘विमानन दुर्घटनाएँ दैवीय कृत्य नहीं हैं – उन्हें रोका जा सकता है। इसीलिए हमारे पास विमानन नियामक, सुरक्षा प्रोटोकॉल और संकट के समय प्रतिक्रिया की प्रणालियाँ हैं।’

कांग्रेस नेता ने कहा कि गृह मंत्री के तर्क के अनुसार, क्या हमें सुरक्षा बुनियादी ढांचे, विनियमन, या संकट की तैयारी में निवेश करना पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए?

उन्होंने सवाल किया कि क्या इसे भाग्य पर छोड़ देना चाहिए?

भाषा हक खारी मनीषा

मनीषा