PM Modi Podcast: पीएम मोदी को RSS से क्या मिला ? अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रीडमैन के साथ शेयर की खास बात

PM Modi Podcast: मैं खुद को धन्य मानता हूं कि मुझे संघ जैसे पवित्र संगठन से जीवन के मूल्य मिले: प्रधानमंत्री मोदी

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  • Publish Date - March 16, 2025 / 08:30 PM IST,
    Updated On - March 17, 2025 / 12:00 AM IST

PM Modi Podcast, image source: ANI

HIGHLIGHTS
  • मोदी ने कहा कि संघ ने उन्हें उनके जीवन का उद्देश्य दिया
  • अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रीडमैन के साथ रविवार को एक पॉडकास्ट में चर्चा

नयी दिल्ली:  PM Modi Podcast, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोगों में देश के प्रति समर्पण का भाव भरने के मकसद से 1925 से लेकर अब तक काम करने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की प्रशंसा की और कहा कि इसके जैसे ‘पवित्र’ संगठन से जीवन के मूल्य सीखकर वह खुद को धन्य महसूस करते हैं। अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रीडमैन के साथ रविवार को एक पॉडकास्ट में चर्चा करते हुए मोदी ने कहा कि संघ ने उन्हें उनके जीवन का उद्देश्य दिया है और कहा कि इसके विभिन्न सहयोगी संगठन कई क्षेत्रों और समाज के हर वर्ग से जुड़े हैं।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने से पहले खुद आरएसएस प्रचारक रह चुके मोदी ने कहा कि वह युवावस्था में ही इस स्वयंसेवी संगठन से जुड़ गए थे क्योंकि गुजरात में उनके घर के पास स्थित आरएसएस की शाखा में गाए जाने वाले देशभक्ति गीतों ने उनके दिल को छुआ।

आरएसएस के दर्शन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कोई कुछ भी करे लेकिन उसे देश के लिए काम करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने नहीं सुना कि आरएसएस जितना बड़ा कोई स्वैच्छिक संगठन है या नहीं।’’ उन्होंने कहा कि आरएसएस सिखाता है कि देश सर्वोपरि है और लोगों की सेवा करना भगवान की सेवा करने के समान है।

PM Modi Podcast, मुझे RSS से जीवन के मूल्य मिले

उन्होंने कहा, ‘‘मैं खुद को धन्य मानता हूं कि मुझे ऐसे पवित्र संगठन से जीवन के मूल्य मिले।’’ उन्होंने कहा कि बचपन में आरएसएस की शाखाओं में शामिल होना, उन्हें हमेशा अच्छा लगता था। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे मन में हमेशा एक ही लक्ष्य था, देश के काम आना। यही मुझे संघ (आरएसएस) ने सिखाया है। आरएसएस की स्थापना के इस वर्ष 100 साल पूरे हो रहे हैं। दुनिया में आरएसएस से बड़ा कोई स्वयंसेवी संगठन नहीं है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि आरएसएस को समझना कोई आसान काम नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘यह अपने स्वयंसेवकों को जीवन का एक उद्देश्य देता है। यह सिखाता है कि राष्ट्र ही सब कुछ है और समाज सेवा ही ईश्वर की सेवा है। हमारे वैदिक संतों और स्वामी विवेकानंद ने जो कुछ भी सिखाया है, संघ भी वही सिखाता है।’’

करीब 25 हजार स्कूलों का संचालन करती है विद्या भारती

उन्होंने सेवा भारती, वनवासी कल्याण आश्रम और भारतीय मजदूर संघ जैसे संगठनों के व्यापक कार्यों का हवाला देते हुए कहा कि यह लोगों को समाज के लिए काम करने के लिए प्रेरित करता है। मोदी ने कहा कि आरएसएस से संबद्ध विद्या भारती करीब 25 हजार स्कूलों का संचालन करती है और करोड़ों छात्रों ने किफायती दर पर यहां से शिक्षा प्राप्त की है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वामपंथी संगठन श्रमिकों को एकजुट होने के लिए कहती हैं ताकि वे दूसरों से मुकाबला कर सकें, जबकि आरएसएस से प्रेरित श्रमिक संघ अपने कार्यकर्ताओं से दुनिया को एकजुट करने के लिए कहता है।

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प्रधानमंत्री मोदी ने पॉडकास्ट में आरएसएस की किस प्रकार प्रशंसा की?

प्रधानमंत्री मोदी ने आरएसएस को एक "पवित्र संगठन" कहा और बताया कि इससे उन्हें जीवन के मूल्य और उद्देश्य मिले हैं। उन्होंने आरएसएस को दुनिया का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन बताया।

आरएसएस से जुड़ने की प्रेरणा मोदी को कैसे मिली?

मोदी ने बताया कि उनके घर के पास स्थित आरएसएस शाखा में गाए जाने वाले देशभक्ति गीतों ने उनके दिल को छुआ, जिससे वे युवावस्था में ही संघ से जुड़ गए।

आरएसएस किन क्षेत्रों में काम करता है?

आरएसएस के विभिन्न सहयोगी संगठन शिक्षा, समाज सेवा, श्रमिक कल्याण, आदिवासी कल्याण और राष्ट्र सेवा से जुड़े हैं। जैसे विद्या भारती 25,000 स्कूलों का संचालन करती है।

प्रधानमंत्री मोदी ने आरएसएस के दर्शन को कैसे परिभाषित किया?

उन्होंने कहा कि संघ सिखाता है कि "राष्ट्र सर्वोपरि है" और समाज सेवा ही ईश्वर की सेवा के समान है।

आरएसएस और वामपंथी संगठनों में क्या अंतर बताया गया?

मोदी ने कहा कि वामपंथी संगठन श्रमिकों को दूसरों से मुकाबला करने के लिए प्रेरित करते हैं, जबकि आरएसएस से प्रेरित संगठनों का उद्देश्य दुनिया को एकजुट करना है।