MGNREGA Name Change News/Image Source: IBC24
MGNREGA Name Change News: मोदी सरकार ने मनरेगा कानून को खत्म कर नया कानून लाने की तैयारी कर ली है। बड़ी बात यह है कि यह नया कानून वाला बिल संसद के इसी सत्र में पेश होने के आसार हैं। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि इतनी लोकप्रियता वाली मनरेगा योजना को खत्म कर उसकी जगह नया कानून बनाने की आवश्यकता आखिर क्यों महसूस की जा रही है।
दुनिया की सबसे बड़ी रोजगार गारंटी स्कीम मानी जाने वाली “मनरेगा” अब इतिहास का हिस्सा बनने जा रही है। मोदी सरकार ने इस योजना से जुड़े कानून को खत्म कर नया कानून लाने का फैसला किया है। संसद के शीतकालीन सत्र में ही यह बिल चर्चा के लिए सूचीबद्ध किया गया है। सोमवार को लोकसभा के सदस्यों के बीच इस बिल से जुड़ी प्रतियां सर्कुलेट की गई। नए रोजगार गारंटी बिल का नाम ‘विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन’ होगा, जिसे संक्षेप में VB-GRAM G बिल 2025 के नाम से जाना जाएगा।
MGNREGA Name Change News: सरकार ने मनरेगा की जगह नए कानून की आवश्यकता पर कहा है कि इसका उद्देश्य ‘विकसित भारत 2047’ के राष्ट्रीय विज़न के अनुरूप ग्रामीण विकास का नया ढांचा तैयार करना है। लेकिन कांग्रेस ने महात्मा गांधी का नाम हटाए जाने पर सवाल उठाए हैं। मनरेगा योजना की शुरुआत यूपीए सरकार के दौरान साल 2005 में की गई थी। इसका शुरू में नाम “नेशनल रूरल एम्प्लॉयमेंट गारंटी एक्ट 2005” था। लेकिन 2 अक्टूबर 2009 से इसे बदलकर मनरेगा यानी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना कर दिया गया। इसका मकसद ग्रामीण क्षेत्रों में हर परिवार को कम से कम 100 दिन का काम देने की कानूनी गारंटी प्रदान करना है। 15 दिन काम नहीं मिलने पर बेरोज़गारी भत्ता देने का भी प्रावधान है।
MGNREGA Replacement Bill News: यूपीए सरकार के 2009 में दोबारा सत्ता में लौटने के पीछे मनरेगा योजना की बड़ी भूमिका थी। बीजेपी इस योजना के दूरगामी असर को पहचानती है। हालांकि योजनाओं के नाम बदलने की सियासत कोई नई नहीं है। इससे पहले भी सत्ता में रहते हुए कांग्रेस और बीजेपी सरकारें योजनाओं के नाम बदलकर अपने राजनीतिक हित साध चुकी हैं।