आजादी के 75वें वर्ष में भारत में रामसर नम भूमि की संख्या बढ़ कर 75 हुई

आजादी के 75वें वर्ष में भारत में रामसर नम भूमि की संख्या बढ़ कर 75 हुई

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  • Publish Date - August 13, 2022 / 07:37 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:23 PM IST

नयी दिल्ली, 13 अगस्त (भाषा) रामसर सूची में 11 भारतीय स्थलों को शामिल किया गया है और इसके साथ ही देश में अंतरराष्ट्रीय महत्व की नम भूमि की संख्या आजादी के 75वें वर्ष में बढ़ कर 75 हो गई। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने यह घोषणा की।

रामसर सूची का लक्ष्य नमभूमि का एक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क तैयार करना और उसका रखरखाव करना है जो वैश्विक जैवविविधता के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है। साथ ही पारिस्थितिकी के रखरखाव के जरिये मानव जीवन को सतत रखा जा सकता है।

इन 11 नये स्थलों में तमिलनाडु में चार, ओडिशा में तीन, जम्मू कश्मीर में दो और मध्य प्रदेश तथा महाराष्ट्र में एक-एक हैं।

रामसर सूची में 1982 से 2013 तक कुल 26 स्थलों को जोड़ा गया है। 2014 के बाद से 49 स्थलों को यह प्रतिष्ठित दर्जा हासिल हुआ है। भारत में 28 स्थलों को इस साल अंतरराष्ट्रीय महत्व की नम भूमि घोषित किया गया है।

देश में सर्वाधिक रामसर स्थल तमिलनाडु (14) में हैं और इसके बाद उत्तर प्रदेश (10) का स्थान है।

भाषा सुभाष पवनेश

पवनेश