बीएमडब्ल्यू मामले में अदालत ने कहा: पुलिस आरोपी को साक्ष्य का ब्योरा देने के लिए बाध्य नहीं

बीएमडब्ल्यू मामले में अदालत ने कहा: पुलिस आरोपी को साक्ष्य का ब्योरा देने के लिए बाध्य नहीं

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  • Publish Date - September 19, 2025 / 09:26 PM IST,
    Updated On - September 19, 2025 / 09:26 PM IST

नयी दिल्ली, 19 सितंबर (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को कहा कि बीएमडब्ल्यू दुर्घटना मामले में पुलिस को आरोपी को साक्ष्यों का ब्योरा देने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।

न्यायिक मजिस्ट्रेट अंकित गर्ग 38 वर्षीय गगनप्रीत कौर द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहे थे। कौर कथित तौर पर बीएमडब्ल्यू चला रही थी, जिसने राजधानी के धौला कुआं इलाके में वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के दोपहिया वाहन को टक्कर मार दी थी, जिससे उनकी मौत हो गई थी और उनकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गई थीं।

उन्होंने दुर्घटना स्थल के सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखने की मांग की।

अदालत ने कहा, ‘सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखने के आदेश पहले ही दिए जा चुके हैं और थानेदार (एसएचओ) से स्पष्टीकरण भी मांगा गया है कि क्या जब्त फुटेज में पिलर संख्या 65 और 67 पर लगे कैमरों की फुटेज शामिल हैं।’

कौर के वकील गगन भटनागर ने 18 सितंबर को दलील दी थी कि पूरा मामला सीसीटीवी फुटेज पर आधारित है और उन्होंने विशेष रूप से धौला कुआं मेट्रो के खंभे 65 और 67 के फुटेज की जांच करने की आवश्यकता का उल्लेख किया।

हालांकि, अदालत ने कहा, ‘आवेदन में मांगी गई प्रार्थना को पहले ही स्वीकार कर लिया गया है और इसके अनुपालन की प्रतीक्षा है। अभियोजन एजेंसी को, अभियुक्तों के कहने पर, उनके द्वारा एकत्र किए गए साक्ष्य की सत्यता और विषय-वस्तु बताने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है।’

हालांकि, अदालत ने कहा, ‘आवेदन में मांगी गई प्रार्थना को पहले ही स्वीकार कर लिया गया है और इसके अनुपालन की प्रतीक्षा है। अभियोजन एजेंसी को, अभियुक्तों के कहने पर, उनके द्वारा एकत्र किए गए साक्ष्य की सत्यता और विषय-वस्तु बताने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है।’

अदालत ने कहा, ‘एसएचओ को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा जाए कि क्या प्राप्त सीसीटीवी फुटेज में खंभा संख्या 65 और 67 के सीसीटीवी फुटेज भी शामिल हैं।’

अदालत ने कहा कि अभियुक्त अभियोजन एजेंसी से एकत्रित साक्ष्य के बारे में बयान देने के लिए नहीं कह सकता।

अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 20 सितंबर के लिए तय की है, जब कौर की जमानत याचिका पर सुनवाई होगी।

आर्थिक मामलों के विभाग में उप सचिव नवजोत सिंह (52) हरि नगर में रहते थे और 14 सितंबर की दोपहर को दिल्ली छावनी मेट्रो स्टेशन के पास रिंग रोड पर हुई दुर्घटना में उनकी मौत हो गई थी।

भाषा नोमान दिलीप

दिलीप