निर्दलीय विधायक अमित यादव, पूर्व विधायक जेपी वर्मा झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में लौटे

निर्दलीय विधायक अमित यादव, पूर्व विधायक जेपी वर्मा झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में लौटे

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  • Publish Date - September 14, 2024 / 07:21 PM IST,
    Updated On - September 14, 2024 / 07:21 PM IST

रांची, 14 सितंबर (भाषा) निर्दलीय विधायक अमित कुमार यादव और पूर्व विधायक जय प्रकाश वर्मा झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में लौट आए।

बरकाठा से विधायक यादव और वर्मा को यहां भाजपा की राज्य इकाई के मुख्यालय में एक कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने पार्टी की सदस्यता दिलाई। भाजपा के झारखंड मामलों के प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी इस कार्यक्रम में मौजूद थे।

यादव (42) ने 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के जानकी प्रसाद यादव को 24,812 मतों से हराकर बरकाठा सीट जीती थी।

उन्होंने 2009 से 2014 तक भाजपा विधायक के तौर पर बरकाठा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था, लेकिन 2014 के विधानसभा चुनाव में वह इस सीट से हार गए।

यादव ने कहा, ‘‘2019 में जब मुझे पार्टी से टिकट नहीं मिला, तो मैंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का फैसला किया। मुझे कई पार्टियों की ओर से पेशकश की गई, लेकिन मैं किसी में शामिल नहीं हुआ। निर्दलीय विधायक होने के बावजूद मैं भाजपा के लिए काम करता रहा। आज मैं औपचारिक रूप से फिर से पार्टी में शामिल हो गया।’’

वर्मा भी पहले भाजपा में थे। उन्होंने 2014 में गांडेय सीट से विधानसभा चुनाव जीता था। लेकिन 2019 में वह झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के सरफराज अहमद के हाथों इस सीट पर चुनाव हार गए। बाद में वह झामुमो में शामिल हो गए।

विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस) ने वर्मा को 2024 के लोकसभा चुनाव में कोडरमा सीट से कथित रूप से टिकट नहीं दिया। इसके बाद उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा, जिसके फलस्वरूप उन्हें झामुमो से निकाल दिया गया।

वर्मा ने कहा, ‘‘मैं 18 महीने बाद अपनी मूल पार्टी में लौट आया। पिछला डेढ़ साल मेरे लिए काला अध्याय था। मैं झारखंड में पार्टी को मजबूत करने का काम करूंगा।’’

मरांडी ने कहा कि उनकी (यादव और वर्मा की) वापसी से (पार्टी) संगठन मजबूत होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘लोग पार्टी में शामिल हो रहे हैं, क्योंकि उन्होंने पाया है कि पिछले पांच वर्षों में झामुमो के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के शासन में राज्य में कोई काम नहीं हुआ है। भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच गया है, कानून-व्यवस्था बिगड़ गई है और मौजूदा सरकार अपने वादों को पूरा करने में विफल रही है। राज्य के लोगों ने आगामी चुनाव में झामुमो को सत्ता से बेदखल करने का फैसला किया है।’’

भाषा राजकुमार पारुल

पारुल