भारत, जापान ने रक्षा सहयोग मजबूत करने के लिए समझौते पर किए हस्ताक्षर

भारत, जापान ने रक्षा सहयोग मजबूत करने के लिए समझौते पर किए हस्ताक्षर

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  • Publish Date - September 10, 2020 / 12:24 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:58 PM IST

नयी दिल्ली, 10 सितंबर (भाषा) वर्षों की बातचीत के बाद भारत और जापान ने दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच आपूर्ति एवं सेवाओं के आदान-प्रदान के लिए एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए है।

रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बृहस्पतिवार को बताया कि रक्षा सचिव अजय कुमार और जापानी राजदूत सुजुकी सतोशी ने बुधवार को इस समझौते पर हस्ताक्षर किए।

अधिकारी ने बताया कि इस समझौते में निकट सहयोग के लिए रूपरेखा बनाने, सूचना के आदान-प्रदान और दोनों देशों के सशस्त्र बलों द्वारा एक-दूसरे की सैन्य सुविधाओं के इस्तेमाल की बात की गई है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह समझौता भारत और जापान के सशस्त्र बलों के बीच द्विपक्षीय प्रशिक्षण गतिविधियों के साथ ही सेवाओं और आपूर्तियों के आदान-प्रदान के लिए करीबी सहयोग की रूपरेखा को सक्षम बनाता है।’’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके जापानी समकक्ष शिंजो आबे के बीच आज दिन में टेलीफोन पर बातचीत हुई। दोनों नेताओं ने दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच हुए ‘‘आपूर्ति और सेवाओं के आदान-प्रदान संबंधी समझौते’’ का स्वागत किया।

विदेश मंत्रालय द्वारा यहां जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि यह समझौता दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को और अधिक बढ़ाएगा और भारत-प्रशांत क्षेत्र में शांति तथा सुरक्षा बनाये रखने में मदद करेगा।

यह समझौता ऐसे समय हुआ है जब सीमा पर भारत और चीन के बीच तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है।

जापानी विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि यह समझौता दोनों देशों की सेनाओं के बीच घनिष्ठ सहयोग को बढ़ावा देगा।

इसमें कहा गया है, ‘‘ऐसी उम्मीद की जाती है कि इस समझौते से जापान और भारतीय सशस्त्र बलों के आत्म-रक्षा बलों के बीच आपूर्ति और सेवाओं के सुचारू और शीघ्र आदान-प्रदान की सुविधा मिलेगी।’’

रक्षा मंत्रालय ने कहा कि समझौते से भारत और जापान के सशस्‍त्र बलों के बीच आपसी सहयोग बढ़ने के साथ-साथ दोनों देशों के मध्‍य विशेष रणनीतिक और वैश्विक भागीदारी के तहत द्विपक्षीय रक्षा गतिविधियों में और बढ़ोतरी होगी।

भारत अमेरिका, फ्रांस और सिंगापुर के साथ इस तरह के समझौतों पर पहले ही हस्ताक्षर कर चुका है।

भाषा

देवेंद्र नरेश

नरेश