भारतीय अंतरिक्ष यात्री के अगले वर्ष अप्रैल तक आईएसएस पर पहुंचने की संभावना : जितेंद्र सिंह

भारतीय अंतरिक्ष यात्री के अगले वर्ष अप्रैल तक आईएसएस पर पहुंचने की संभावना : जितेंद्र सिंह

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  • Publish Date - August 21, 2024 / 05:54 PM IST,
    Updated On - August 21, 2024 / 05:54 PM IST

नयी दिल्ली, 21 अगस्त (भाषा) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को कहा कि नासा-इसरो सहयोगात्मक पहल के तहत अगले साल अप्रैल तक एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री, अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए उड़ान भर सकता है।

इस अभियान को लेकर दो भारतीय ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और प्रशांत बालकृष्णन नायर एक्सिओम स्पेस एक्स-4 मिशन के लिए अमेरिका में प्रशिक्षण ले रहे हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शुक्ला को एक्स-4 मिशन के लिए नियुक्त किया है, जबकि नायर प्रतिस्थापन उम्मीदवार होंगे।

सिंह ने पिछले साल 23 अगस्त को चंद्रमा पर विक्रम लैंडर के उतरने के उपलक्ष्य में पहली बार मनाए जाने वाले राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस समारोह से पहले यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘अगले साल अप्रैल तक एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री आईएसएस की यात्रा करेगा।’’

राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस की थीम है ‘चांद को छूते हुए जीवन को छूना: भारत की अंतरिक्ष गाथा।’ इस अवसर पर, इसरो 23 अगस्त को चंद्रयान-3 मिशन द्वारा एकत्र किए गए वैज्ञानिक डेटा को जारी करेगा जिसका उपयोग शोधकर्ताओं द्वारा किया जा सकता है।

पिछले दो महीनों में देश भर में एक हजार से अधिक कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू यहां भारत मंडपम में राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस समारोह में शिरकत करेंगी और भारतीय अंतरिक्ष हैकाथॉन और इसरो रोबोटिक्स चैलेंज के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान करेंगी।

आगामी अंतरिक्ष मिशन के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए इसरो के वैज्ञानिक सचिव शांतनु भातवाडेकर ने कहा कि इसरो और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ‘नासा’ के संयुक्त मिशन निसार को अगले वर्ष फरवरी के बाद प्रक्षेपित किए जाने की संभावना है।

अब तक का सबसे महंगा उपग्रह बताये जा रहे पृथ्वी अवलोकन उपग्रह के 12 मीटर के रिफ्लेक्टर में कुछ गड़बड़ी आ गई थी और उसे सुधार के लिए वापस अमेरिका भेज दिया गया था। उम्मीद है कि रिफ्लेक्टर अक्टूबर तक भारत वापस आ जाएगा और उपग्रह के साथ जोड़ा जाएगा।

भातवाडेकर ने कहा, ‘‘चूंकि नवंबर से जनवरी तक सूर्यग्रहण का समय होता है, इसलिए निसार का फरवरी से पहले प्रक्षेपण नहीं किया जा सकता।’’ उन्होंने कहा कि चंद्रयान-4 मिशन को सरकार की मंजूरी मिलने की स्थिति में 2027 में लॉन्च किए जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि मिशन का उद्देश्य चंद्रमा की चट्टान और धूल के नमूने पृथ्वी पर लाना है।

भातवाडेकर ने कहा कि चंद्रमा के ध्रुवीय क्षेत्र का अन्वेषण करने के लिए इसरो-जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (जेएक्सए) के मिशन को चंद्रयान-5 नाम दिया गया है।

भाषा आशीष मनीषा

मनीषा