Freebies Case Hindi : भारत सरकार भी हो सकती है दिवालिया! जानें सुप्रीम कोर्ट ने क्यों कही ये बात

फ्रीबीज यानी मुफ्तखोरी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए शुक्रवार को कहा कि करदाताओं के पैसों का इस्तेमाल करके दिया गया मुफ्त उपहार सरकार को ‘आसन्न दिवालियापन’ की ओर ले जा सकता है।

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  • Publish Date - August 27, 2022 / 09:35 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:29 PM IST

Freebies Case:

नई दिल्ली. फ्रीबीज यानी मुफ्तखोरी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए शुक्रवार को कहा कि करदाताओं के पैसों का इस्तेमाल करके दिया गया मुफ्त उपहार सरकार को ‘आसन्न दिवालियापन’ की ओर ले जा सकता है। इसके साथ ही अदालत ने चुनाव से पहले राजनीतिक दलों द्वारा मुफ्त उपहार के वादे का मुद्दा उठाने वाली याचिकाओं को तीन जजों की बेंच के समक्ष सूचीबद्ध किए जाने का शुक्रवार को निर्देश दिया है।

अदालत ने उसके समक्ष रखे गये पहलुओं की ‘व्यापक’ सुनवाई की आवश्यकता जताते हुए कहा कि हालांकि सभी वादों को मुफ्त उपहार के साथ नहीं जोड़ा जा सकता है, क्योंकि वे कल्याणकारी योजनाओं या जनता की भलाई के उपायों से संबंधित होते हैं, लेकिन चुनावी वादों की आड़ में वित्तीय जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ा जा सकता है।

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अदालत ने कहा कि ये योजनाएं न केवल राज्य के नीति-निर्देशक सिद्धांतों का हिस्सा हैं, बल्कि कल्याणकारी राज्य की जिम्मेदारी भी है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एन. वी. रमणा, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस सी. टी. रविकुमार की बेंच ने इस बात का संज्ञान लिया कि इन याचिकाओं में उठाये गये कुछ प्रारम्भिक मुद्दों पर विचार किये जाने की आवश्यकता है।

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जस्टिस रमणा के कार्यकाल का आज अंतिम दिन था. कोर्ट का यह आदेश ‘मुफ्त उपहार’ बनाम ‘कल्याणकारी योजनाओं’ को लेकर जारी बहस के बीच आया है। बेंच ने कहा, ‘‘मुफ्त सुविधाएं ऐसी स्थिति पैदा कर सकती हैं जहां राज्य सरकार धन की कमी के कारण बुनियादी सुविधाएं प्रदान नहीं कर सकती है। राज्य को आसन्न दिवालियापन की ओर धकेल दिया जा सकता है, हमें यह भी याद रखना चाहिए कि इस तरह के मुफ्त उपहार की सुविधा प्रदान करके करदाताओं के पैसे का उपयोग केवल अपनी पार्टी की लोकप्रियता बढ़ाने और चुनावी संभावनाओं के लिए किया जाता है”