बेंगलुरु में ‘3 डी’ प्रिंटिंग प्रौद्योगिकी उपयोग कर बनाया जा रहा है भारत का पहला डाकघर

बेंगलुरु में ‘3 डी’ प्रिंटिंग प्रौद्योगिकी उपयोग कर बनाया जा रहा है भारत का पहला डाकघर

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  • Publish Date - April 11, 2023 / 04:49 PM IST,
    Updated On - April 11, 2023 / 04:49 PM IST

बेंगलुरु, 11 अप्रैल (भाषा) ‘एलएंडटी कंस्ट्रक्शन’ ने मंगलवार को कहा कि वह बेंगलुरु में ‘3 डी’ प्रिंटिंग प्रौद्योगिकी का उपयोग कर भारत के पहले डाकघर का निर्माण कर रहा है।

कंपनी ने बताया कि परियोजना के तहत 45 दिनों के भीतर ‘3 डी’ कंक्रीट प्रिंटिंग प्रौद्योगिकी का उपयोग करके 1,000 वर्ग फुट में बनने वाले हलासुरु डाकघर को डिजाइन करना और उसका निर्माण करना है।

एलएंडटी ने एक बयान में कहा, “जहां इस प्रौद्योगिकी को निर्माण सामग्री और प्रौद्योगिकी संवर्धन परिषद् (बीएमटीपीसी) ने मंजूरी दी है, वहीं डाकघर के संरचनात्मक डिजाइन को आईआईटी मद्रास ने स्वीकृति दी है।

एलएंडटी कंस्ट्रक्शन (बिल्डिंग) के पूर्णकालिक निदेशक और वरिष्ठ कार्यकारी उपाध्यक्ष एम. वी. सतीश के अनुसार, डाकघर कर्नाटक की पहली सार्वजनिक इमारत है, जिसे ‘3 डी’ प्रौद्योगिकी का उपयोग करके बनाया जा रहा है। यह परियोजना तेज गति से आगे बढ़ रही है और एक बार पूरा हो जाने के बाद इमारत बेंगलुरु में एक ‘मील का पत्थर’ बन जाएगी।

एलएंडटी के अनुसार, ‘3 डी’ कंक्रीट प्रिंटिंग एक उभरती हुई प्रौद्योगिकी है, जिसके माध्यम से निर्माण प्रक्रिया को तेज करके और समग्र निर्माण गुणवत्ता को बढ़ाकर निर्माण की पुरानी प्रथाओं को बदला जा सकता है।

भाषा जितेंद्र जितेंद्र दिलीप

दिलीप