स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर लगातार आठवीं बार शीर्ष स्थान पर

स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर लगातार आठवीं बार शीर्ष स्थान पर

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  • Publish Date - July 17, 2025 / 03:16 PM IST,
    Updated On - July 17, 2025 / 03:16 PM IST

नयी दिल्ली, 17 जुलाई (भाषा) केंद्र सरकार के वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण में ‘सुपर स्वच्छ लीग’ पुरस्कार श्रेणी के तहत इंदौर सबसे स्वच्छ शहरों में लगातार आठवीं बार शीर्ष स्थान पर रहा, जबकि सूरत और नवी मुंबई क्रमश: दूसरे और तीसरे पायदान पर हैं।

स्वच्छ सर्वेक्षण के नतीजे बृहस्पतिवार को घोषित किए गए।

वार्षिक सर्वेक्षण में 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों के लिए स्वच्छ शहर श्रेणी में अहमदाबाद ने पहला स्थान हासिल किया, जबकि भोपाल और लखनऊ उसके बाद के दो स्थानों पर हैं।

केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के अनुसार, 4,500 से अधिक शहरों में बातचीत, स्वच्छता ऐप, मायजीओवी और सोशल मीडिया के माध्यम से 14 करोड़ लोगों ने सर्वेक्षण में भाग लिया।

इस वर्ष चार श्रेणियों में कुल 78 पुरस्कार प्रदान किए गए — सुपर स्वच्छ लीग शहर; पांच जनसंख्या श्रेणियों में शीर्ष तीन स्वच्छ शहर; विशेष श्रेणी: गंगा शहर, छावनी बोर्ड, सफाई मित्र सुरक्षा, महाकुंभ; और राज्य स्तरीय पुरस्कार — किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश का स्वच्छ शहर।

नयी श्रेणी ‘सुपर स्वच्छ लीग’ के अंतर्गत, तीन लाख से 10 लाख की आबादी वाली श्रेणी में नोएडा सबसे स्वच्छ शहर बनकर उभरा, जिसके बाद चंडीगढ़ और मैसुरु का स्थान है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने यहां आयोजित एक कार्यक्रम में विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए। केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।

‘सुपर स्वच्छ लीग’ शहर पुरस्कार श्रेणी के बारे में आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि इंदौर, सूरत और नवी मुंबई पिछले कुछ वर्षों में सबसे स्वच्छ शहरों की सूची में शीर्ष पर रहे हैं और स्वच्छता के क्षेत्र में नए मानदंड स्थापित किए हैं।

अधिकारी ने बताया कि नये शहरों को स्वच्छता की ओर बढ़ावा देने के लिए ‘स्वच्छ शहर’ श्रेणी भी शुरू की गई है। उन्होंने बताया कि अहमदाबाद पहले स्थान पर है, उसके बाद भोपाल और लखनऊ का स्थान है।

मंत्रालय ने बताया कि 3,000 से अधिक मूल्यांकनकर्ताओं ने 45 दिनों में देश भर के हर वार्ड में गहन निरीक्षण किया।

इस वर्ष, पुरस्कार न केवल शीर्ष स्वच्छ शहर के लिए है, बल्कि प्रगति प्रदर्शित करने वाले छोटे शहरों को भी मान्यता देते हैं और प्रोत्साहित करते हैं।

भाषा सुभाष नरेश

नरेश