INS Androth: भारत करने जा रहा कुछ बड़ा, चीन-पाकिस्तान समेत कई देशों के उड़ जाएंगे होश, क्योंकि हमारे साथ शामिल होने जा रहा है…

पूरे भारत के लिए आज बड़ा दिन होने वाला है। भारत कुछ ऐसा करने जा रहा है, जिससे भारत के पड़ोसी देशों के होश उड़ जाएंगे। अब आप सोच रहे होंगे कि हम ऐसा क्यों बोल रहे हैं, चलिए आपको इस खबर में विस्तार से बताते हैं। 

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  • Publish Date - October 6, 2025 / 08:44 AM IST,
    Updated On - October 6, 2025 / 08:45 AM IST

ins androth

HIGHLIGHTS
  • समुद्र में बढ़ेगा भारत का दबदबा
  • आंद्रोत आज होगा नौसेना में शामिल
  • दूसरे पनडुब्बी रोधी युद्धक पोत होगी शामिल

INS Androth: जल्द ही भारतीय नौसेना की ताकत एक नई ऊंचाई पर पहुंचेगी, जब ‘आन्द्रोत’ नामक अत्याधुनिक युद्धपोत को आधिकारिक रूप से नौसेना के बेड़े में शामिल किया जाएगा। 6 अक्टूबर को विशाखापत्तनम के नेवल डॉकयार्ड में जब यह एंटी-सबमरीन वॉरफेयर (ASW-SWC) पोत देश की सेवा में उतरेगा, तब यह भारत की समुद्री सीमाओं की रक्षा में एक मजबूत कड़ी बन चुका होगा। आने वाले समय में, यह पोत भारत की सामरिक क्षमता को कई गुना बढ़ा देगा और हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की रणनीतिक स्थिति को और मजबूत करेगा।

GRSE द्वारा निर्मित किया गया है आन्द्रोत

आन्द्रोत, कोलकाता स्थित गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) द्वारा निर्मित किया गया है। जब यह पोत पूरी तरह से परिचालन में आ चुका होगा, तब इसकी सबसे बड़ी ताकत होगी, जल के भीतर छिपे खतरों को पहले पहचानना और फिर उन्हें सटीकता से खत्म करना। यह जहाज उन्नत हल्के टॉरपीडो, देश में बने पनडुब्बी रोधी रॉकेटों और अत्याधुनिक सेंसर और संचार प्रणालियों से लैस होगा, जो इसे भविष्य के समुद्री युद्ध के लिए पूरी तरह तैयार बनाएगा।

77 मीटर होगी युद्धपोत की लंबाई

INS Androth: इस युद्धपोत की लंबाई करीब 77 मीटर होगी और इसे डीजल इंजन-वॉटरजेट संयोजन के जरिए चलाया जाएगा। जब यह पोत खुले समुद्र में गश्त करेगा, तब इसकी हर हरकत दुश्मन की नज़र से छिपी रहेगी, लेकिन यह खुद दुश्मन की हर हलचल को पकड़ लेगा। 360-डिग्री कवरेज, इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और तेज गति इसकी विशेषताएं होंगी, जो भविष्य में भारतीय नौसेना के लिए एक बड़ी रणनीतिक बढ़त साबित होंगी।

80% से अधिक हिस्सा स्वदेशी होगा

सबसे अहम बात यह होगी कि इस पोत का 80% से अधिक हिस्सा स्वदेशी होगा, जिससे भारत की ‘आत्मनिर्भर रक्षा नीति’ को बड़ी मजबूती मिलेगी। यह सिर्फ एक युद्धपोत नहीं होगा, बल्कि यह भारत की स्वदेशी सैन्य क्षमता, नवाचार और तकनीकी आत्मनिर्भरता का प्रमाण बनेगा।

INS Androth: आन्द्रोत जब भारतीय समुद्री सीमाओं पर निगरानी करेगा, तब यह दुश्मनों के लिए अदृश्य खतरा बन चुका होगा। चीन जैसे समुद्री प्रतिद्वंद्वियों की मौजूदगी को देखते हुए यह पोत हिंद महासागर में भारत के प्रभाव को और मजबूत करेगा। आने वाले समय में, जब यह पोत मिशन मोड में होगा, तब भारत अपनी समुद्री सीमाओं पर न सिर्फ सक्रिय निगरानी कर सकेगा, बल्कि दुश्मन की किसी भी पनडुब्बी गतिविधि को समय रहते नेस्तनाबूद भी कर पाएगा। इस पोत को पूर्वी नौसेना कमान (ENC) के वाइस एडमिरल राजेश पेंढारकर की अध्यक्षता में नौसेना में शामिल किया जाएगा।

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आन्द्रोत क्या है?

आन्द्रोत एक एंटी-सबमरीन वॉरफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट (ASW-SWC) है, जिसे भारतीय नौसेना में शामिल किया जाएगा।

कहां और कब होगा शामिल?

आन्द्रोत को 6 अक्टूबर को विशाखापत्तनम के नेवल डॉकयार्ड में भारतीय नौसेना में शामिल किया जाएगा।

इस युद्धपोत की खासियत क्या है?

यह पोत पनडुब्बी रोधी टॉरपीडो, रॉकेट, अत्याधुनिक सेंसर और स्वदेशी तकनीकों से लैस है, जो समुद्र में छिपे खतरों का सटीक पता लगा सकता है।