नौसेना में हो गया शामिल, पर 15 महीने तक INS विक्रांत नहीं लड़ सकेगा कोई युद्ध, जानें क्या है इसकी वजह

INS Vikrant not able to fight for 15 months : देश में बना पहला एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत नौसेना में शामिल हो गया है।

नौसेना में हो गया शामिल, पर 15 महीने तक INS विक्रांत नहीं लड़ सकेगा कोई युद्ध, जानें क्या है इसकी वजह

INS Vikrant

Modified Date: November 29, 2022 / 08:26 pm IST
Published Date: September 4, 2022 10:27 am IST

नई दिल्ली : INS Vikrant not able to fight for 15 months : देश में बना पहला एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत नौसेना में शामिल हो गया है। INS विक्रांत नौसेना के रूप में नेवी को कई खूबियों से लैस अपना सबसे बड़ा युद्धपोत तो मिल गया है। लेकिन INS विक्रांत अभी भी युद्ध में हिस्सा नहीं ले पाएगा। INS विक्रांत को युद्ध के लिए तैयार करने में अभी भी लगभग 15 महीने लगेंगे। इसका मतलब INS विक्रांत 2023 के अंत तक ये लड़ाई करने की स्थिति में होगा।

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ये है विक्रांत के युद्ध में शामिल न होने की बड़ी वजह

INS Vikrant not able to fight for 15 months : विक्रांत के अगले 15 महीनों तक लड़ाई की स्थिति में न होने की सबसे बड़ी वजह ये है कि नेवी में शामिल होने के बाद ही उसके फिक्स्ड विंग एयरक्राफ्ट और उसकी एविएशन फैसिलिटी कॉम्प्लेक्स यानी AFC सुविधाओं की शुरुआत होगी। नेवी ने कहा था कि इसे तभी शुरू किया जाएगा, जब शिप के कमांड और कंट्रोल के साथ ही फ्लाइट सेफ्टी उसके हाथों में होगी। 2 सितंबर को युद्धपोत सेना में शामिल हो चुका है। अब नेवी AFC पर काम करेगी।

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INS विक्रांत पर स्थापित किया जाना है AFC

INS Vikrant not able to fight for 15 months : एक रिपोर्ट के मुताबिक INS विक्रांत का एविएशन फैसिलिटी कॉम्प्लेक्स यानि AFC रूस की मदद से स्थापित किया जाना है। लेकिन जिस तरह से रूस यूक्रेन के साथ मोर्चा जमाए बैठा है उसमें इन इंजीनियरों के भारत में आने में यूक्रेन पर हमले की वजह से रूस पर लगाए गए अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण देरी हो सकती है।

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युद्धपोत को राफेल और तेजस के मुताबिक ढालने की प्रक्रिया चलेगी 15 महीनों तक

INS Vikrant not able to fight for 15 months : विक्रांत के AFC को मिग-29 फाइटर प्लेन के लिहाज से तैयार किया गया था। मिग रूस में बने फाइटर प्लेन हैं, जो हाल के वर्षों में अपने क्रैश को लेकर चर्चा में रहे हैं। नेवी अगले कुछ सालों में अपने बेड़े से मिग विमानों को पूरी तरह से हटाने जा रही है। जाहिर है कि अब युद्धपोत को राफेल और तेजस के मुताबिक ढालना होगा। ये प्रक्रिया अगले 15 महीनों तक चलने वाली है।

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नवंबर में शुरू होगा विक्रांत पर लैंडिंग का ट्रायल

INS Vikrant not able to fight for 15 months : 25 अगस्त को नेवी के वाइस चीफ ऑफ स्टाफ वाइस एडमिरल एसएन घोरमडे ने खुद माना था कि नेवी MiG-29K फाइटर प्लेन की विक्रांत पर लैंडिंग का ट्रायल इस साल नवंबर में शुरू करेगी। ये ट्रायल 2023 के मध्य तक पूरा हो जाएगा। इसकी वजह से INS विक्रांत पूरी तरह ऑपरेशनल 2023 के अंत तक ही हो पाएगा।

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