अंतरराज्यीय जल विवाद देश एवं लोगों के हित में नहीं: धनखड़

अंतरराज्यीय जल विवाद देश एवं लोगों के हित में नहीं: धनखड़

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  • Publish Date - November 5, 2022 / 06:43 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:54 PM IST

नयी दिल्ली, पांच नवंबर (भाषा) उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को कहा कि समय आ गया है कि सभी अंतरराज्यीय जल विवादों का समाधान करने के लिए सक्रियता से कदम उठाए जाएं क्योंकि ये विवाद देश एवं लोगों के हित में नहीं हैं।

धनखड़ ने लोगों को यह भी याद दिलाया कि पानी और ईंधन जैसे प्राकृतिक संसाधनों को बर्बाद नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि देश इसे वहन नहीं कर सकता।

ग्रेटर नोएडा में 7वें भारत जल सप्ताह के समापन समारोह को संबोधित करते हुए, धनखड़ ने जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता पर बल दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘संघवाद की सच्ची भावना के साथ, अब समय आ गया है कि हम अंतरराज्यीय जल विवादों का समाधान करने के लिए सक्रियता से पहल करें।’’ उन्होंने कहा कि ये विवाद ‘‘किसी के लिए लाभप्रद नहीं’’ हैं और देश एवं लोगों के हितों के खिलाफ हैं।’’

देश में राज्यों के बीच जल विवादों का निपटारा अंतरराज्यीय नदी जल विवाद अधिनियम, 1956 के प्रावधानों के तहत किया जाता है, जिसके तहत केंद्र एक अधिकरण का गठन करता है जो मामले पर फैसला सुनाने से पहले विभिन्न पक्षों की सुनवाई करता है।

उन्होंने कहा कि किसी देश की आर्थिक ताकत को पानी, पेट्रोल और गैस जैसे प्राकृतिक संसाधनों की खपत से नहीं जोड़ा जा सकता है। उन्होंने संविधान में वर्णित नीति निदेशक सिद्धांतों का जिक्र किया, जिसमें कहा गया है कि प्राकृतिक संसाधनों का समान वितरण होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम संसाधनों के बड़े पैमाने पर दोहन में ‘लापरवाह’ नहीं हो सकते। धनखड़ ने कहा कि जल स्रोतों को पुनर्जीवित करना ‘बहुत प्रभावशाली’ होगा।

भविष्य के लिए जल संरक्षण की दृष्टि से प्रधानमंत्री ने इस वर्ष 24 अप्रैल को ‘मिशन अमृत सरोवर’ का शुभारंभ किया था। इसका उद्देश्य ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ समारोह के तहत देश के प्रत्येक जिले में 75 जल स्रोतों का विकास और उन्हें पुनर्जीवित करना है।

भाषा अमित सुभाष

सुभाष