एनआईए की रिपोर्ट के बिना 2016 में हुई रेल दुर्घटना का कारण बता पाना संभव नहीं: सीएसआर रिपोर्ट

एनआईए की रिपोर्ट के बिना 2016 में हुई रेल दुर्घटना का कारण बता पाना संभव नहीं: सीएसआर रिपोर्ट

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  • Publish Date - October 26, 2020 / 01:43 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:33 PM IST

नयी दिल्ली, 26 अक्टूबर (भाषा) रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीएसआर) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश के कानपुर के नजदीक चार साल पहले हुई रेल दुर्घटना को लेकर एनआईए की जांच रिपोर्ट के बिना हादसे का कारण बता पाना ”संभव नहीं” है। 20 नवंबर 2016 को हुई उस रेल दुर्घटना में 152 लोगों की मौत हो गई थी।

घटना में संभावित ‘आतंकवादी कोण’ का संदेह पैदा होने के बाद मामले की तफ्तीश राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दी गई थी।

सीएसआर रिपोर्ट में कहा गया है, ”एनआईए 20 नवंबर 2016 को ट्रेन संख्या 19321 डीएन (इंदौर-राजेन्द्र नगर एक्सप्रेस) के दुर्घटनाग्रस्त होने की जांच कर रही है। उसकी जांच रिपोर्ट अभी तक कोलकाता स्थित ईस्टर्न सर्कल के रेलवे सुरक्षा आयुक्त को नहीं दी गई है। रेलवे बोर्ड ने भी अभी तक एनआईए की जांच रिपोर्ट नहीं सौंपी है। लिहाजा, दुर्घटना का कारण बता पाना संभव नहीं है। ”

नागरिक उड्डयन मंत्रालय को रिपोर्ट करने वाले सीएसआर ने हालांकि दुर्घटना के संभावित कारण बताए हैं।

सीएसआर ने कहा कि एनआईए ”षडयंत्र” के नजरिये से मामले की जांच कर रही है। न तो अब तक एनआईए और न ही रेलवे बोर्ड की ओर से एनआईए की जांच रिपोर्ट सौंपी गई है।

सीएसआर की रिपोर्ट में कहा गया है कि दुर्घटना का सबसे संभावित कारण अचानक तकनीकी गड़बड़ी आना हो सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि लखनऊ के आरडीएसओ और जमशेदपुर स्थित राष्ट्रीय धातु विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट के अनुसार एस-1 बोगी की हालत बहुत खराब थी।

रिपोर्ट के अनुसार एस-2 और बी-3 बोगियों को भी बहुत नुकसान पहुंचा था। एस-1 और एस-2 बोगियां पटरी से उतर गई थीं और उलट-पुलट होकर बी-3 बोगी पर गिर गईं थीं, जिसके चलते इन बोगियों में बहुत अधिक लोग हताहत हुए थे।

इस रेल दुर्घटना की उन दिनों काफी चर्चा हुई थी। तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभू ने इस दुर्घटना को लेकर षड़यंत्र का संदेह जताते हुए जनवरी 2017 में उस समय के गृह मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने का अनुरोध किया था। गृह मंत्रालय ने षड़यंत्र के संदेह की बात सामने आने के बाद मामले की जांच एनआईए को सौंप दी थी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी एक चुनावी रैली में कहा था कि यह दुर्घटना ”सीमा-पार से रचा गया षड़यंत्र” था।

भाषा

जोहेब उमा

उमा