श्रीनगर, 22 अक्टूबर (भाषा) जम्मू-कश्मीर विधानसभा सत्र से पहले मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सत्तारूढ़ गठबंधन सहयोगियों की बैठक में बुधवार को कांग्रेस की अनुपस्थिति को तवज्जो न देने का प्रयास करते हुए विश्वास जताया कि कांग्रेस यह सुनिश्चित करेगी कि राज्यसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को उसके कदमों से कोई फायदा न हो।
जम्मू-कश्मीर में राज्यसभा चुनाव के लिए सीट के बंटवारे को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के बीच रिश्ते तनावपूर्ण हो गए हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने अपने सहयोगी दलों के विधायकों को बैठक में आमंत्रित किया था लेकिन कांग्रेस की ओर से कोई नहीं आया। कांग्रेस ने अलग से विधायक दल की बैठक बुलाई थी।
नेशनल कॉन्फ्रेंस और अन्य सहयोगी दलों के विधायकों की बैठक के बाद अब्दुल्ला ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘उनकी (कांग्रेस की) अपनी प्रक्रिया है। उनकी पार्टी और हमारी पार्टी में अंतर है। यहां उनके नेतृत्व को अपने आलाकमान के इशारे का इंतजार करना पड़ता है। हम अपने फैसले यहीं लेते हैं। यह कोई नयी बात नहीं है और किसी को भी इससे कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि परंपरागत रूप से हर सत्र से पहले विधायक दल की बैठक बुलाई जाती है जिसमें सरकार का समर्थन करने वाले निर्दलीय विधायकों को भी सत्र की रणनीति तैयार करने के लिए आमंत्रित किया जाता है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह सत्र अन्य सत्रों से अलग है क्योंकि 10 साल बाद जम्मू-कश्मीर में राज्यसभा चुनाव हो रहे हैं। इस बैठक का महत्व इसलिए बढ़ गया क्योंकि इसमें चारों सीट पर नेशनल कॉन्फ्रेंस की जीत सुनिश्चित करने की रणनीति पर विचार-विमर्श किया गया।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस के अनुपस्थित रहने से राज्यसभा चुनावों में नेशनल कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवारों की संभावनाओं पर विपरीत असर पड़ेगा, अब्दुल्ला ने कहा कि राष्ट्रीय पार्टी नियमित रूप से कहती रही है कि वह भाजपा का समर्थन नहीं करेगी और उसे जीतने नहीं देगी।
उन्होंने कहा, ‘‘तो उन्हें अपनी बैठकें करने दीजिए। किसी को भी इस पर कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। (कांग्रेस) आलाकमान का ऐसा कोई संकेत नहीं होगा जिससे भाजपा को मदद मिले।’’
अब्दुल्ला ने बैठक में शामिल होने के लिए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता एम वाई तारिगामी और निर्दलीय उम्मीदवारों का धन्यवाद किया।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपने सदस्यों और हमारे साथ आए लोगों में जो उत्साह देख रहा हूं, उसे देखकर मुझे उम्मीद है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवार चारों सीट पर विजयी होंगे।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या विपक्षी पीडीपी (पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी) नेकां उम्मीदवारों का समर्थन करने के लिए तैयार है, अब्दुल्ला ने कहा कि पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने अभी तक कोई घोषणा नहीं की है,लेकिन उन्होंने आश्वासन दिया है कि वह अपनी पार्टी के सहयोगियों से सलाह-मशविरा करने के बाद सही फैसला करेंगी।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे एक उम्मीदवार शम्मी ओबेरॉय महबूबा मुफ्ती से मिले और पार्टी की ओर से उनसे अनुरोध किया कि वह हमारे उम्मीदवारों को जिताने के लिए नेकां के पक्ष में वोट दें।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सबसे पहले हमारे अध्यक्ष ने महबूबा मुफ्ती से फोन पर बात की थी। पीडीपी ने अभी तक कोई घोषणा नहीं की है लेकिन उन्होंने उनसे और ओबेरॉय दोनों से कहा है कि वह अपनी पार्टी के सहयोगियों के साथ इस पर चर्चा करेंगी और सही फैसला लेंगी।’’
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह किशोर की विवादास्पद टिप्पणी पर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘अगर कोई केंद्रीय मंत्री ऐसा कुछ कहता है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है।’’
अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘लेकिन इन लोगों को चुनावों में ऐसे बयान देने की आदत है क्योंकि उनके पास काम के नाम पर दिखाने के लिए कुछ नहीं है। जमीनी स्तर पर उनकी स्थिति कमजोर है इसलिए वे धार्मिक विभाजन पैदा करते हैं। नमाज के बाद वे इलाके को गंगाजल से धोते हैं।’’
गिरिराज सिंह ने एक सार्वजनिक समारोह में मुसलमानों पर विवादित टिप्पणी करते हुए उन्हें ‘‘नमक हराम’’ कहा था।
अब्दुल्ला ने कहा कि भाजपा नेतृत्व दावा करता है कि वे सभी भारतीयों का प्रतिनिधित्व करते हैं, लेकिन वह मुस्लिम विरोधी बयानों पर ‘‘चुप’’ रहता है।
भाषा सिम्मी संतोष
संतोष