जियो इंस्टीट्यूट को उत्कृष्ट संस्थान का दर्जा, सोशल मीडिया पर बना सरकार का मजाक

जियो इंस्टीट्यूट को उत्कृष्ट संस्थान का दर्जा, सोशल मीडिया पर बना सरकार का मजाक

  •  
  • Publish Date - July 10, 2018 / 12:18 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:15 PM IST

नई दिल्ली। केंद्र सरकार के जारी किए गए उत्कृष्ट स्थानों की सूची में जियो इंस्टीट्यूट का नाम आने से सोशल मीडिया पर इसकी जमकर खिल्ली उड़ाई जा रही हैं। वहीं विपक्ष ने भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरा है क्योंकि जियो इंस्टीट्यूट अभी अस्तित्व में ही नहीं है। बता दें कि सरकार ने बुधवार को उत्कृष्ट संस्थानों की एक सूची जारी की है जिसमें 3 सरकारी और 3 निजी संस्थाओं के नाम हैं। इन सरकारी संस्थाओं में आईआईटी दिल्ली, आईआईटी मुंबई और आईएससी बैंगलोर शामिल हैं। जबकि निजी संस्थानों में मनिपाल एकेडमी ऑफ…, बिट्स पिलानी और जियो इंस्टीट्यूट के नाम हैं।

सोशल मीडिया पर बना मजाक
अब सोशल मीडिया पर इस सूची को लेकर खूब मजाक बनाया जा रहा है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से इन नामों की घोषणा के बाद लोग सरकार का काफी मजाक बना रहे हैं। लोगों का कहना है कि आखिर सरकार कैसे एक संस्थान को अस्तित्व में आने से पहले उत्कृष्ट संस्थान का दर्जा दे सकती है।


विपक्ष ने भी पूछा सवाल
विपक्षी दलों ने जियो इंस्टिट्यूट को केंद्र सरकार द्वारा देश के छह प्रतिष्ठित संस्थानों की सूची में शामिल किए जाने को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अंबानी बंधुओं से करीबी रिश्तों का परिणाम बताया है। कांग्रेस ने सवाल उठाया है कि ऐसा संस्थान जो अब तक खुला भी नहीं है, उसे उत्कृष्टता का दर्जा कैसे दिया जा सकता है। सरकार को यह बताना चाहिए कि यह दर्जा किस आधार पर दिया गया है।


वहीं, येचुरी ने ट्वीट कर कहा, ‘अब तक वजूद में ही नहीं आए विश्वविद्यालय को प्रतिष्ठित संस्थान का तमगा देना कार्पोरेट जगत के तीन लाख करोड़ रुपये के गैरनिष्पादित कर्ज की तरह है, जिसे सरकार ने चार साल में उद्योगपतियों से अपनी मित्रता निभाने के एवज में बट्टेखाते में डाल दिया।

सरकार ने दी सफाई
सोशल मीडिया समेत विपक्ष के सवालों पर सरकार और यूजीसी ने स्पष्टीकरण जारी किया है। सरकार ने बताया है कि क्यों जियो इंस्टीट्यूट को इस लिस्ट में शामिल किया गया है।

वेब डेस्कIBC24