जम्मू-कश्मीर सरकार आरक्षण मुद्दे को सुलझाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रही: वहीद पारा

जम्मू-कश्मीर सरकार आरक्षण मुद्दे को सुलझाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रही: वहीद पारा

जम्मू-कश्मीर सरकार आरक्षण मुद्दे को सुलझाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रही: वहीद पारा
Modified Date: December 28, 2025 / 09:36 am IST
Published Date: December 28, 2025 9:36 am IST

श्रीनगर, 28 दिसंबर (भाषा) पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के नेता एवं जम्मू-कश्मीर के विधायक वहीद पारा ने केंद्रशासित प्रदेश में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली सरकार पर आरक्षण मुद्दे को हल करने में ‘‘कोई दिलचस्पी’’ नहीं दिखाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि मौजूदा आरक्षण नीति अस्तित्व का मामला बन गई है।

पुलवामा के विधायक ने शनिवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘आरक्षण नीति अस्तित्व का ऐसा मुद्दा बन गई है, जो हमारी युवा पीढ़ियों के भविष्य की बुनियाद पर ही चोट करता है। हम छात्रों के साथ मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के आवास के बाहर जुटे थे, उस बात को एक साल से अधिक हो गया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से, इस पूरी अवधि में सरकार ने इस मुद्दे का समाधान करने की कोई मंशा नहीं दिखाई जिससे हमारे युवाओं में तनाव एवं अनिश्चितता और बढ़ गयी है।’’

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उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय आई है, जब सामान्य श्रेणी के छात्र कोटा नीति को तर्कसंगत बनाने में देरी के विरोध में अपना शांतिपूर्ण धरना फिर से शुरू करने की योजना बना रहे हैं। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस मुद्दे पर समिति गठित की थी और उसे एक साल हो चुका है।

पारा ने कहा, ‘‘यह धरना सरकार को उसकी उस जिम्मेदारी की याद दिलाता है कि वह पारदर्शिता के साथ कार्रवाई करे और मौजूदा आरक्षण नीति में बदलाव करे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कम से कम आरक्षण रिपोर्ट सार्वजनिक की जानी चाहिए।’’

पारा ने कहा कि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला द्वारा गठित मंत्रिमंडल की उप-समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं करने का कोई औचित्य नहीं है, भले ही उसकी सिफारिशों को उपराज्यपाल की मंजूरी अभी नहीं मिल पाई है।

उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा, यदि निर्वाचित सरकार यह कहती है कि मामला फिलहाल उपराज्यपाल के पास है, तब भी रिपोर्ट को सार्वजनिक समीक्षा से दूर रखने का कोई औचित्य नहीं है।’’

भाषा सिम्मी सुरभि

सुरभि


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