कानपुर। kanpur violence case: SIT ने कानपुर शहर में 3 जून को हुई हिंसा की जांच कर केस डायरी कोर्ट में दाखिल कर दी है। केस डायरी पब्लिक प्रोसिक्यूटर दिनेश अग्रवाल ने दायर की है। SIT की जांच के मुताबिक, उपद्रवियों को हिंसा फैलाने के लिए पैसे बांटे गए थे। बता दें कि पिछले महीने कानपुर में पथराव के बाद हिंसक झड़पें हुई थीं। उस समय एक स्थानीय संगठन ने निलंबित भाजपा नेता नुपुर शर्मा की पैगंबर मोहम्मद के बारे में टिप्पणी के विरोध में बंद का आह्वान किया था।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां Click करें*<<
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नूपुर शर्मा के बयान के बाद कानपुर में जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा के करीब एक महीने के बाद 3 थानेदारों पर कार्रवाई हुई थी। इसमें से 2 थानेदार सस्पेंड हुए थे, जबकि एक को लाइनहाजिर किया गया था। प्रभारी निरीक्षक बेकनगंज नवाब अहमद और प्रभारी निरीक्षक बजरिया संतोष कुमार सिंह निलंबित कर दिए गए थे। वहीं प्रभारी निरीक्षक चमनगंज जैनेन्द्र सिंह लाइन हाजिर हुए थे। मामले में पुलिस ने मास्टर माइंड हयात जफर और उसके साथी जावेद अहमद खान, मो सूफियान और मोहम्मद राहिल को जेल भेजा था।
केस डायरी में कहा गया है कि पथराव करने वालों को कथित तौर पर 500-1000 रुपये दिए गए थे। जिन लोगों ने दंगों के दौरान पेट्रोल बम का इस्तेमाल किया था, उन्हें कथित तौर पर 5,000 रुपये का भुगतान किया गया था। एसआईटी ने बताया कि पकड़े जाने पर बदमाशों को मुफ्त कानूनी मदद का आश्वासन दिया गया। केस डायरी में बताया गया है कि उपद्रवियों को हंगामे के लिए सात से नौ दिन की ट्रेनिंग दी गई थी। 3 जून को हुई कानपुर हिंसा में अब तक 60 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।