Curfew in Karauli district of Rajasthan

सुबह 8 से 10 बजे तक 2 घंटे ही खुलेंगी दूध व सब्जी की दुकानें, यहां के जिला प्रशासन ने लगाई पाबंदी, जानें वजह

Curfew in Karauli district of Rajasthan : सुचारू रूप से कार्य के संचालन एवं सूचनाओं के आदान प्रदान के लिए नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है।

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:06 PM IST, Published Date : April 4, 2022/12:12 am IST

जयपुर। Curfew in Karauli district of Rajasthan:  राजस्थान के करौली जिले में नवसंवत्सर के उपलक्ष्य में मुस्लिम बहुल क्षेत्र से गुजर रही मोटरसाइकिल रैली के दौरान पथराव के बाद पैदा हुए सांप्रदायिक तनाव के चलते करौली में शनिवार को कर्फ्यू लगाया गया था, जो रविवार को भी जारी रहा। पुलिस ने बताया कि हिंसक घटना के संबंध में एक दर्जन से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है और सांप्रदायिक हिसा की जांच के लिये एक विशेष जांच दल का गठन किया गया है। उपद्रव की इन घटनाओं में लगभग 35 लोग घायल हो गए हैं।

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भरतपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक प्रसन्न कुमार खमेसरा ने बताया कि शनिवार को फूटा कोट क्षेत्र मेन बाजार करौली में जुलूस के दौरान हुए पथराव के बाद पुलिस ने तत्परतापूर्वक कार्रवाई करते हुए 46 लोगों को गिरफ्तार किया है और सात लोगों को पूछताछ के लिए पुलिस हिरासत में लिया गया है।

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उन्होंने बताया कि थाना कोतवाली करौली में दर्ज मामले में 13 आरोपियों को तथा 33 लोगों को कर्फ्यू के आदेश का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ के लिए सात लोगों को पुलिस हिरासत में लिया गया है। इस दौरान कुल 21 दुपहिया और चारपहिया वाहन भी पुलिस ने जब्त किये हैं।

Curfew in Karauli district of Rajasthan खमेसरा ने बताया, ‘‘कानून एवं व्यवस्था को बनाये रखने के लिए शहर में जगह-जगह पुलिस हालात पर नजर रखे हुए है। शहर में पुलिस ने फ्लैग मार्च भी निकाला। अभी हालात नियन्त्रण में हैं लेकिन एहतियात के तौर पर कर्फ्यू लगाया गया है।’’

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करौली शहर में शनिवार को यह घटना उस वक्त हुई जब हिन्दू संगठनों द्वारा नवसंवत्सर पर आयोजित एक बाइक रैली मुस्लिम बहुल इलाके से गुजर रही थी, तभी कुछ शरारती तत्वों ने पथराव किया। इसके बाद हिंसा भड़क गई और उपद्रवियों ने कुछ दुकानों और मोटरसाइकिलों को आग के हवाले कर दिया। घटना में कई दुकानें, वाहन और अन्य सामान क्षतिग्रस्त हो गये। करौली में रविवार को भी मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहीं।

पुलिस ने बताया कि सोशल मीडिया पर हिंसा के वीडियो वायरल हुए हैं, जिनकी जांच जयपुर में की जा रही है। वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने निवास पर समीक्षा बैठक की और आवश्यक दिशा निर्देश दिये। करौली के जिलाधिकारी राजेन्द्र सिंह शेखावत ने बताया स्थिति को नियंत्रण में लेने के लिये लगभग 1200 पुलिसकर्मी तैनात किये गये हैं। स्थिति पर नियंत्रण बनाये रखने के लिये 50 पुलिस उपाधीक्षक एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक तथा पांच से अधिक भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) रैंक के अधिकारी भी मुख्यालय पर आये हुए है।

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उन्होंने बताया कि घटना की जांच के लिये एसआईटी गठित कर जांच प्रारंभ कर दी गई है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की जायेगी। शेखावत ने बताया कि दो अप्रैल की घटना से कानून एवं शांति व्यवस्था प्रभावित हुई है। इस संबंध में सुचारू रूप से कार्य के संचालन एवं सूचनाओं के समय पर आदान प्रदान के लिए नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है।

जिलाधिकारी ने बताया कि दूध, सब्जी सहित अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिये सोमवार को सुबह आठ बजे से 10 बजे तक की कर्फ्यू से छूट प्रदान की गई है। उन्होंने बताया कि कर्फ्यू के दौरान केन्द्र, राज्य सरकार के कार्यालय, अदालतें खुली रहेंगी और राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षा जारी रहेगी। आवश्यक सेवाओं को बंद में छूट दी गई है।

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पुलिस उपमहानिरीक्षक राहुल प्रकाश ने बताया कि घटना की जांच के लिये अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल का गठन किया गया है। अधिकारी ने बताया कि लगभग 30 लोगों को हिरासत में लिया गया है उनमें से एक दर्जन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पुलिस महानिदेशक से बात कर वर्तमान स्थिति पर पूरी विस्तृत जानकारी ली है। सांप्रदायिक हिंसा से राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया है।

इसी बीच, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत रविवार को बाडमेर से जयपुर लौट आये और उन्होंने अधिकारियों के साथ एक बैठक की। गहलोत ने कहा कि प्रदेश में कहीं भी साम्प्रदायिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने में शामिल तत्वों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि अपराधी चाहे किसी धर्म, जाति या वर्ग का हो, अपराध में उसकी संलिप्तता पाये जाने पर उसे बख्शा नहीं जाएगा।

उन्होंने कहा कि करौली में हुई घटना की पुनरावृत्ति कहीं और नहीं हो, इसके लिए पुलिस ने चौकसी बरतते हुए शांति व्यवस्था कायम रखने की दिशा में एहतियाती कदम उठाए। हर थाना स्तर पर कुख्यात अपराधियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने विभिन्न समुदायों के बीच शांति का माहौल कायम करने तथा कम्यूनिटी पुलिसिंग को बढ़ावा देने के निर्देश दिए। इससे पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने बाडमेर में धर्म और जाति के नाम पर हो रहे तनाव के लिये केन्द्र और भाजपा की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया। साथ ही, उन्होंने भाजपा और उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार पर भी निशाना साधा।

मुख्यमंत्री ने शनिवार को करौली में और रविवार को ब्यावर में हुई घटना के लिये भाजपा को जिम्मेदार ठहराया है। गहलोत ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री को अपील करनी चाहिए कि जाति और धर्म के नाम पर जगह जगह धुव्रीकरण बंद हो। यह उचित नहीं है। इसी कारण देश में जगह जगह तनाव हो रहा है। करौली की घटना आपके सामने है। आज ब्यावार में छोटी सी बात को लेकर झगड़ा हो गया। एक व्यक्ति की हत्या हो गई।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अब इस तरह के विवाद को भी जाति धर्म के का रंग दे दिया जाता है। झगड़ने वालों का धर्म अलग-अलग है, इसे मुद्दा बनाया जाता है। मेरा मनाना है कि जिस प्रदेश में शांति, भाईचारा, सद्भाव रहता है, वहीं विकास का माहौल बनता है। आज महंगाई, बेरोजगारी बड़ी चुनौतियां है। युवाओं में छटपटाहट है।’’

वहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां ने करौली में आगजनी, पत्थरबाजी की घटना के मामले की तथ्यात्मक जांच के लिये 10 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी घटनास्थल पर जाकर सभी पक्षों से बात कर तथ्यात्मक जानकारी जुटाएगी और प्रदेश अध्यक्ष को तथ्यात्मक रिपोर्ट सौंपेगी।

गठित कमेटी में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, राष्ट्रीय मंत्री अलका सिंह गुजर, प्रदेश महामंत्री मदन दिलावर, प्रदेश मुख्य प्रवक्ता एवं विधायक रामलाल शर्मा, सांसद सुखबीर सिंह जौनापुरिया, सांसद जसकौर मीणा, सांसद मनोज राजोरिया, सांसद रंजीता कोली, विधायक कन्हैया लाल चौधरी, पूर्व विधायक रामहेत यादव शामिल हैं।