(तस्वीरों के साथ)
बेंगलुरु, 27 अप्रैल (भाषा) कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत और मुख्यमंत्री सिद्धरमैया सहित कई लोगों ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष के कस्तूरीरंगन को रविवार को श्रद्धांजलि अर्पित की।
कस्तूरीरंगन का शुक्रवार को बेंगलुरु में 84 साल की उम्र में निधन हो गया था।
पारिवारिक सूत्रों के अनुसार, वह पिछले कुछ महीनों से उम्र संबंधी जटिलताओं का सामना कर रहे थे। उनके परिवार में दो बेटे हैं।
राष्ट्रीय ध्वज में लिपटे कस्तूरीरंगन के पार्थिव शरीर को जनता एवं शुभचिंतकों के अंतिम दर्शन के लिए रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट (आरआरआई) में रखा गया था। इसके बाद पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।
गहलोत ने कस्तूरीरंगन के परिवार के सदस्यों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने बाद में पत्रकारों से बात करते हुए कस्तूरीरंगन के साथ कई मौके पर हुई बातचीत का जिक्र किया।
गहलोत ने कहा, ‘‘वह (कस्तूरीरंगन) राष्ट्र और विश्व के लिए किए गए कार्यों के माध्यम से जीवित हैं।’’
मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने पूर्व इसरो प्रमुख को पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद कहा कि कस्तूरीरंगन का निधन देश के लिए, विशेषकर वैज्ञानिक समुदाय के लिए एक अपूर्णनीय क्षति है।
उन्होंने कहा, ‘‘अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में उनका बहुत बड़ा योगदान है। वह लंबे समय तक इसरो के अध्यक्ष रहे और शिक्षा के क्षेत्र में भी उनका योगदान उल्लेखनीय है। उन्हें भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने दुनियाभर में पुरस्कार और प्रशंसा हासिल की। कस्तूरीरंगन ने पश्चिमी घाट पर उच्च स्तरीय कार्य समूह के अध्यक्ष के रूप में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कर्नाटक के लिए उनका योगदान बहुत बड़ा है।’’
उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार, पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र और इसरो के पूर्व प्रमुख एएस किरण कुमार, के सिवन और एस सोमनाथ सहित कई लोगों ने कस्तूरीरंगन को श्रद्धांजलि दी।
वैज्ञानिक और शैक्षणिक समुदाय के साथ-साथ इसरो के कई कर्मियों ने भी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
भाषा प्रीति पारुल
पारुल