केरल सरकार ने किसानों के लिए कल्याण बोर्ड बनाया

केरल सरकार ने किसानों के लिए कल्याण बोर्ड बनाया

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  • Publish Date - October 8, 2020 / 11:12 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:51 PM IST

तिरुवनंतपुरम, आठ अक्टूबर (भाषा) देश में पहली बार केरल सरकार ने किसानों के उन्नयन के लिए किसान कल्याण कोष बोर्ड स्थापित करने का फैसला किया है।

राज्य मंत्रिमंडल की बुधवार को हुई बैठक में बोर्ड स्थापित करने का फैसला किया गया जिसका नाम ‘केरल कृषक क्षमानिधि बोर्ड ’ होगा।

मंत्रिमंडल ने डॉ.पी राजेंद्रन को केरल किसान कल्याण कोष बोर्ड के पहले अध्यक्ष के तौर पर नियुक्त करने का फैसला किया।

आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, ‘‘देश में पहली बार किसानों के उन्नयन के लिए इस तरह का बोर्ड स्थापित किया जा रहा है।’’

केरल कृषक क्षमानिधि अधिनियम के तहत बागवानी, औषधि गुणों वाले पौधों की खेती, नर्सरी प्रबंधन, मत्स्यपालन, सजावटी इस्तेमाल में आने वाली मछलियों के पालन, मधुमक्खी पालन, रेशम पालन, पॉलट्री,बत्तख, बकरी और खरगोश पालन, कृषि के इस्तेमाल वाली भूमि प्रबंधन से जुड़े मामलों को यह बोर्ड देखेगा।

बोर्ड का सदस्य बनने के लिए 100 रुपये का शुल्क देकर पंजीकरण कराना होगा और सदस्यता शुल्क 100 रुपये मासिक होगी।

विज्ञप्ति के मुताबिक, ‘‘किसान मासिक शुल्क एक साथ छह महीने या सालभर के लिए भर सकते हैं। सरकार इसके बराबर की हिस्सेदारी 250 रुपये तक कल्याण कोष में सदस्यों को देगी।’’

बोर्ड के सदस्य व्यक्तिगत पेंशन, परिवार पेंशन, बीमारी के लाभ, दिव्यांगता लाभ, चिकित्सा सहायता, विवाह या मातृत्व भत्ते, शिक्षा सहायता और मरणोपरांत लाभ के हकदार होंगे।

कल्याण बोर्ड की महिला सदस्य या उसकी बेटी के विवाह के समय लाभ दिए जाएंगे।

इस अधिनियम के तहत किसान वे हैं जो जमीन के मालिक है, लाइसेंसधारी हैं, मौखिक किराएदार हैं, सरकारी जमीन के लीजधारक हैं और कुल जमीन के पांच प्रतिशत या 15 एकड़ से कम जमीन की हिस्सेदारी रखते हैं, एवं उनकी सालाना आय पांच लाख रुपये से कम हैं।

भाषा धीरज माधव

माधव