केरल में एक से 20 अगस्त तक कोविड के 4.6 लाख मामले सामने आ सकते हैं : केंद्रीय टीम

केरल में एक से 20 अगस्त तक कोविड के 4.6 लाख मामले सामने आ सकते हैं : केंद्रीय टीम

केरल में एक से 20 अगस्त तक कोविड के 4.6 लाख मामले सामने आ सकते हैं : केंद्रीय टीम
Modified Date: November 29, 2022 / 07:47 pm IST
Published Date: August 10, 2021 10:31 pm IST

नयी दिल्ली, 10 अगस्त (भाषा) केरल के आठ जिलों का दौरा कर चुकी छह सदस्यीय एक केंद्रीय टीम ने कहा है कि एक अगस्त से 20 अगस्त तक राज्य में कोविड-19 के करीब 4.6 लाख मामले सामने आ सकते हैं।

केंद्रीय टीम का नेतृत्व करने वाले राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के निदेशक डॉ सुजीत सिंह ने मंगलवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ओणम का त्योहार (20 अगस्त) नजदीक आने के साथ अनलॉक (पाबंदियां हटाने की) गतिविधियों और पर्यटन स्थलों को खोलने से चुनौतिपूर्ण परिदृश्य उत्पन्न हो गया है और यह चिंता का विषय है।

केंद्र ने मंगलवार को कहा कि देश में पिछले सात दिनों में सामने आए कोविड-19 के आधे से अधिक मामले केरल से हैं।

 ⁠

सिंह ने कहा कि इस दक्षिणी राज्य में टीके की दोनों खुराक के बाद भी अधिक संख्या में पुनर्संक्रमण के मामले हैं और इस विषय की जांच की जा रही है।

उन्होंने कहा कि उदाहरण के तौर पर, पथनमथिट्टा जिले में प्रथम खुराक लेने के बाद 14,974 लोग वायरस से संक्रमित हुए थे जबकि दोनों खुराक लेने के बाद 5,042 लोग संक्रमित हुए (जिले द्वारा साझा की गई सूचना के मुताबिक)।

टीम द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट के मुताबिक सभी आठ जिलों में कोविड-19 पॉजिटिविटी (संक्रमण पुष्टि) दर 10 प्रतिशत से अधिक पाई गई और कुछ स्थानों पर यह बढ़ती हुई पाई गई। 80 प्रतिशत से अधिक मामले डेल्टा स्वरूप के हैं।

सिंह ने कहा, ‘‘केरल में मौजूदा आरटी वैल्यू 1.12 है। मौजूदा रूझान जारी रहने पर एक अगस्त से 20 अगस्त की अवधि में करीब 4.62 लाख मामले सामने आने की उम्मीद है।’’ उल्लेखनीय है कि किसी भी रोग के फैलने की दर को ‘रिप्रोडक्शन नंबर’ या ‘आरटी वैल्यू’ कहा जाता है।

टीम ने हाल में कासरगोड, कन्नूर, कोझीकोड, मलप्पुरम, अलप्पुझा, कोल्लम, पथनमथिट्टा और तिरूवनंतपुरम जिलों का दौरा किया था।

सिंह ने कहा कि यात्रा के दौरान उन्होंने पाया कि निरूद्ध क्षेत्र केंद्र के दिशानिर्देशों के अनुरूप नहीं बनाए गये थे।

नमूनों की जांच में संक्रमण की पुष्टि होने की दर 10 से 14 प्रतिशत पाई गई और कुछ इलाकों में यह 15 से 20 प्रतिशत पाई गई। मलप्पुरम और पथनमथिट्टा में इसमें वृद्धि होने का रूझान देखा गया।

सिंह ने कहा कि राज्य की 55 प्रतिशत आबादी को अब भी संक्रमण होने का खतरा है।

भाषा

भाष सुभाष नरेश

नरेश


लेखक के बारे में