हरियाणा में 2010-2016 के बीच हुई भूमि रजिस्ट्री की होगी जांच : खट्टर

हरियाणा में 2010-2016 के बीच हुई भूमि रजिस्ट्री की होगी जांच : खट्टर

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  • Publish Date - March 15, 2022 / 09:45 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:25 PM IST

चंडीगढ़, 15 मार्च (भाषा) हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को राज्य विधानसभा को बताया कि 2010-2016 के बीच किये गये भूमि के पंजीकरणों (रजिस्ट्री) की जांच की जाएगी ताकि मानदंडों के किसी भी उल्लंघन की जांच की जा सके।

मुख्यमंत्री ने यह बात भाजपा-जननायक जनता पार्टी (जजपा) सरकार के तहत की गई रजिस्ट्री में कथित अनियमितताओं को लेकर विपक्ष के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कही।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सत्ता में आने तक 2014 तक कांग्रेस राज्य में शासन कर रही थी।

खट्टर ने यहां राज्य विधानसभा को बताया कि हरियाणा विकास और शहरी क्षेत्रों के नियमन अधिनियम, 1975 की धारा 7 ए के तहत मानदंडों के उल्लंघन की जांच के लिए राज्यभर में 2010 और 2016 के बीच की गई रजिस्ट्री की जांच की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने विपक्षी सदस्यों से कहा कि यह उनकी सरकार थी जिसने लगभग दो साल पहले गुरुग्राम में कुछ मामले सामने आने पर नियमों के उल्लंघन के लिए अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी।

कांग्रेस नेता किरण चौधरी ने आरोप लगाया कि हरियाणा में पंजीकरण घोटाला सभी घोटालों की जननी है, जिसके तहत राज्य के नगर पालिकाओं के नियंत्रित क्षेत्रों में अचल संपत्तियों की बिक्री और खरीद की अनुमति भू-राजस्व विभाग के अधिकारियों द्वारा अपेक्षित एनओसी प्राप्त किए बिना दी गई थी।

इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के वरिष्ठ नेता अभय चौटाला ने आरोप लगाया कि खट्टर के गृह जिले करनाल में भी अनियमितताएं सामने आई हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह घोटाला बिना सरकारी संरक्षण के संभव नहीं हो सकता था।

भाषा

देवेंद्र उमा

उमा