एलडीएफ सरकार के मंत्रिमंडल में नये चेहरों को लाने का फैसला माकपा के दीर्घकालिक हित में: येचुरी

एलडीएफ सरकार के मंत्रिमंडल में नये चेहरों को लाने का फैसला माकपा के दीर्घकालिक हित में: येचुरी

  •  
  • Publish Date - May 20, 2021 / 11:32 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:35 PM IST

तिरुवनंतपुरम, 20 मई (भाषा) एलडीएफ सरकार के नये मंत्रिमंडल में के.के. शैलजा को शामिल नहीं करने के फैसले को सही ठहराते हुए माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने बृहस्पतिवार को कहा कि केरल की सरकार में नये चेहरों को लाने का फैसला पार्टी और राज्य के दीर्घकालिक हित में लिया गया है।

येचुरी ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व का राज्यों में मंत्रिमंडल गठन से कोई लेना-देना नहीं है।

पिछली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहीं शैलजा को इस बार मंत्रिमंडल में जगह नहीं दिये जाने के सवाल पर माकपा महासचिव ने कहा कि कौन चुनाव लड़ेगा और निर्वाचित विधायकों में से किसे मंत्री बनाना है, ये सवाल हर राज्य में संबंधित राज्य समितियों के अधिकार क्षेत्र में आते हैं।

केरल में नयी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने यहां आये येचुरी ने कहा कि चुनाव में भी 26 मौजूदा विधायकों को फिर से विधानसभा चुनाव नहीं लड़ाया गया और उनमें बहुत वरिष्ठ महत्वपूर्ण मंत्री भी शामिल हैं।

जब यह फैसला लिया गया था तो कुछ खबरों में कहा गया था कि इसका प्रतिकूल असर पड़ेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन आपने परिणाम देखा। और मुझे लगता है कि यह फैसला न केवल माकपा और एलडीएफ के बल्कि केरल राज्य के भी दीर्घकालिक हित में है।’’

एक दिन पहले ही विजयन ने कहा था कि नये मंत्रिमंडल में शैलजा को शामिल नहीं करने का फैसला नये चेहरों को अवसर देने के पार्टी के रुख के अनुरूप है।

शैलजा को मंत्री नहीं बनाये जाने पर विवाद खड़ा हो गया है। कई लोगों ने पिछली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए कोरोना वायरस महामारी से उनके कुशलता से निपटने का हवाला देते हुए उन्हें मंत्री बनाने की मांग की है।

भाषा वैभव उमा

उमा