सोने दो बच्चों को उठे तो मांगेंगे खाना, जबरदस्ती बच्चों को सुलाने को मजबूर परिजन

The situation in Sri Lanka is out of control: सोने दो बच्चों को उठे तो मांगेंगे खाना, जबरदस्ती बच्चों को सुलाने को मजबूर परिजन

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  • Publish Date - July 5, 2022 / 01:34 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:28 PM IST

The situation in Sri Lanka is out of control: श्रीलंका। श्रीलंका में आर्थिक हालात बेकाबू होते जा रहे है। महंगाई, बेरोजगारी और ईंधन की कमी से बेहद लोग त्रस्त हैं। और पिछले 12 हफ्ते , सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है। लोग अपने बच्चों को भूखा रखने को मजबूर हो रहे हैं। स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि लोग खाना बचाने के लिए अपने बच्चों को जबरन दोपहर तक सुलाने को मजबूर हैं। कोलंबो के ऑटो रिक्शा चालक थुशान परेरा ने करीब 5 हफ्ते से अपने तीन बच्चों को दोनों टाइम पूरा खाना नहीं खिलाया है। उनका परिवार बिस्किट के एक पैकेट पर निर्भर है, जिसकी कीमत 130 श्रीलंकाई रुपए (भारतीय मुद्रा में 30 रु.) पहुंच गई है। गौरतलब है कि दो दिन कतार में खड़े रहने पर 5 लीटर पेट्रोल मिलता है।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp  ग्रुप से जुड़ने के लिए  यहां Click करें*<<

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जनता में भारी रोष व्याप्त

The situation in Sri Lanka is out of control: श्रीलंका की सरकार इस बात से पल्ला झाड़ चुकी है। सरकार का कहना है कि 22 जुलाई तक फ्यूल नहीं आएगा। जिसके चलते 103 रुपए लीटर वाला पेट्रोल ब्लैक में 550 रुपए में बिक रहा है। आम जनता की रोज पुलिस, आर्मी और एयरफोर्स के जवानों के साथ विवाद जैसी स्थिति पैदा होती है। क्योंकि यहीं पेट्रोल पंप की निगरानी कर रहे है। श्रीलंका की 2.2 करोड़ की आबादी में सरकार के खिलाफ बेहद रोष व्याप्त है।

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मिडिल ईस्ट से मदद की गुहार

The situation in Sri Lanka is out of control: इससे पहले भारत से कर्ज के तौर पर मिले करीब 6 हजार करोड़ रुपए भी अब खत्म हो चुके हैं। श्रीलंका ने मिडिल ईस्ट से लेकर रूस से मदद की गुहार लगाई है। इस हफ्ते 1990 सुवा सिरिया, एक इमरजेंसी एम्बुलेंस सेवा, जिसे भारत ने दान में दिया था, वो भी ठप पड़ गई है। यानी आपातकालीन सेवाएं भी उपलब्ध नहीं है। सरकार के खिलाफ विद्रोह हर दिन बीतने के साथ बढ़ रहा है। केमिकल फर्टिलाइजर पर बैन के चलते देश में खाद्य संकट पैदा हो गया है। गैस की कमी के कारण लोग घरों में चूल्हा जलाने को मजबूर हो गए हैं।