वोट बैंक की राजनीति के लिए आरक्षण का दुरुपयोग कर रही ममता सरकार: शुभेंदु अधिकारी

वोट बैंक की राजनीति के लिए आरक्षण का दुरुपयोग कर रही ममता सरकार: शुभेंदु अधिकारी

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  • Publish Date - June 18, 2025 / 04:22 PM IST,
    Updated On - June 18, 2025 / 04:22 PM IST

कोलकाता, 18 जून (भाषा) पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने बुधवार को आरोप लगाया कि ममता बनर्जी सरकार वोट बैंक की राजनीति के लिए आरक्षण का दुरुपयोग कर रही है।

उन्होंने दावा किया कि तृणमूल सरकार द्वारा सामान्य वर्ग के ”आर्थिक रूप से कमजोर लोगों” के लिए आरक्षण की नीतियों का मुसलमानों को खुश करने के लिए दुरुपयोग किया जा रहा है।

साल्ट लेक में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) संघ की एक सभा में अधिकारी ने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस सरकार नंदीग्राम भूमि आंदोलन के बाद वाम मोर्चे द्वारा शुरू की गई ‘वोट बैंक की राजनीति’ को जारी रखे हुए है, जिसका उद्देश्य मुसलमानों का समर्थन हासिल करना है।

उन्होंने कहा, “नंदीग्राम भूमि अधिग्रहण विरोधी आंदोलन के बाद वाम दलों ने बंगाल में मुसलमानों का समर्थन हासिल करने के लिए वोट बैंक की राजनीति शुरू की थी और अब तृणमूल इसे आगे बढ़ा रही है।”

मई 2024 में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में 2010 से कई वर्गों को दिए गए ओबीसी दर्जे को रद्द कर दिया था।

अदालत ने राज्य सेवाओं और रिक्त पदों के लिए इन आरक्षणों को अवैध पाया। अदालत ने अप्रैल से सितंबर 2010 के बीच 77 वर्गों को दिए गए आरक्षण और 2012 के राज्य आरक्षण अधिनियम के तहत पेश किए गए 37 और आरक्षणों को रद्द कर दिया था।

मई 2011 तक पश्चिम बंगाल में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व वाला वाम मोर्चा सत्ता में था और उसके बाद तृणमूल कांग्रेस की सरकार बनी थी।

अधिकारी ने दावा किया कि एक के बाद एक सत्ताधारी दलों की वोट बैंक की राजनीति के कारण राज्य में लोकतंत्र कमजोर होता जा रहा है।

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को ओबीसी-ए और ओबीसी-बी श्रेणियों के तहत 140 उपवर्गों को आरक्षण देने के संबंध में पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा जारी अधिसूचनाओं पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया।

अदालत ने 31 जुलाई तक अंतरिम रोक लगाते हुए निर्देश दिया कि राज्य सरकार द्वारा 8 मई से 13 जून के बीच ओबीसी श्रेणियों के संबंध में जारी की गई कार्यकारी अधिसूचनाएं 31 जुलाई तक प्रभावी नहीं होंगी।

अदालत ने निर्देश दिया कि इसके परिणामस्वरूप होने वाले सभी कार्य भी 31 जुलाई तक स्थगित रहेंगे।

राज्य सरकार ने ओबीसी-ए (अधिक पिछड़े समुदाय) के तहत 49 उपधाराएं और ओबीसी-बी (अपेक्षाकृत कम पिछड़े समुदाय) के तहत 91 उपधाराएं शामिल की हैं।

भाषा जोहेब पवनेश

पवनेश