भूस्खलन प्रभावित मिरिक में दिन-रात राहत अभियान सुनिश्चित करने का ममता का वादा, विपक्ष पर निशाना

भूस्खलन प्रभावित मिरिक में दिन-रात राहत अभियान सुनिश्चित करने का ममता का वादा, विपक्ष पर निशाना

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  • Publish Date - October 14, 2025 / 09:13 PM IST,
    Updated On - October 14, 2025 / 09:13 PM IST

दार्जिलिंग, 14 अक्टूबर (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को दार्जिलिंग जिले के भूस्खलन प्रभावित मिरिक का दौरा कर प्रभावित परिवारों से मुलाकात की और कहा कि उनकी सरकार ने उत्तर बंगाल में चौबीसों घंटे राहत और पुनर्वास कार्य सुनिश्चित करने के लिए सभी विभागों को सक्रिय कर दिया है।

इस महीने की शुरुआत में भारी बारिश के बाद उत्तरी बंगाल में आई अचानक बाढ़ और भूस्खलन से कुल 32 लोगों की मौत हुई थी जिनमें से 27 लोग मिरिक के रहने वाले थे।

उत्तर बंगाल में आई इस आपदा से हजारों लोग बेघर हो गए।

ममता बनर्जी का भूस्खलन प्रभावित इलाके का यह दूसरा दौरा है।

उन्होंने विपक्षी दलों पर ‘जनता की पीड़ा’ को लेकर राजनीति करने का भी आरोप लगाया।

मुख्यमंत्री ने अपने इस दौरे पर आपदा और हाल ही में क्षेत्र में हुई एक वाहन दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिवारों से मुलाकात कर उन्हें प्रशासन की ओर से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया।

ममता बनर्जी ने मिरिक में स्थानीय निवासियों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मैंने वाहन दुर्घटना में मारे गए दो लोगों के परिवारों से मुलाकात की। उन्हें पहले ही पांच-पांच लाख रुपये दिए जा चुके हैं।’’

उन्होंने सरकारी एजेंसियों की त्वरित प्रतिक्रिया की प्रशंसा करते हुए कहा, ‘‘आपने देखा होगा कि लोक निर्माण विभाग ने कितनी जल्दी मिरिक की सड़कों को साफ कर दिया। भूस्खलन से प्रभावित हर हिस्से को साफ कर दिया गया है। इसके लिए मैं नागरिक प्रशासन, पुलिस प्रशासन और सभी संबंधित विभागों को पूरा श्रेय देना चाहूंगी।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार का ध्यान केवल तात्कालिक राहत पर नहीं, बल्कि दीर्घकालिक पुनर्निर्माण और पुनर्वास पर भी है।

उन्होंने कहा, ‘‘प्रभावित लोगों को केवल सात दिनों के भीतर मुआवजा और नौकरी दोनों दे दी गई है।’’

ममता ने कहा कि बुधवार को एक समीक्षा बैठक बुलाई गई है ताकि “हमने क्या किया, कहां गए और क्या कार्रवाई की गई” इसका आकलन किया जा सके।

उन्होंने पहाड़ियों में पर्यटन विकास की योजनाओं की भी घोषणा की।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हम पशुपति मंदिर और सुखिया के अंदर लामाहट्टा जैसा एक खूबसूरत पर्यटन स्थल विकसित करना चाहते हैं। यह पर्यावरण अनुकूल पर्यटन स्थल होगा।’’

उन्होंने विपक्ष पर ‘लोगों की पीड़ा’ से राजनीति करने का भी आरोप लगाया।

ममता ने कहा, ‘‘कुछ लोग धूपगुड़ी व मयनागुड़ी को लेकर राजनीति कर रहे हैं। मैं स्पष्ट कर दूं कि जिस दिन मैंने मिरिक पुल का दौरा किया, उसी दिन मैंने (वरिष्ठ नेताओं) अरूप विश्वास, गौतम देब और स्थानीय विधायक निर्मल रे के साथ धूपगुड़ी के तीनों राहत शिविरों का दौरा किया। हर प्रभावित परिवार को मदद मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए घर-घर जाकर राहत सामग्री बांटी गई।”

ममता बनर्जी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि राज्य के आपदा प्रबंधन में केंद्र सरकार की कोई भूमिका नहीं है और वह सिर्फ राजनीति कर रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘जब लोग मुसीबत में हों, तो आपको उनके साथ खड़ा होना चाहिए। भाजपा नेताओं की तरह चुपचाप बैठकर लंबे-लंबे भाषण न दें। आप एक बार आए, तस्वीरें लीं और गायब हो गए। उसके बाद क्या हुआ? हमने घरों व पुलों का पुनर्निर्माण किया, भूस्खलन के मलबे को साफ किया और राहत शिविर व सामुदायिक रसोई चलाईं। केंद्र की यहां कोई भूमिका नहीं है, वे केवल राजनीति करते हैं।”

ममता बनर्जी ने इससे पहले कहा था कि उनकी सरकार ने उत्तर बंगाल में व्यापक और चौबीसों घंटे राहत अभियान सुनिश्चित करने के लिए सभी संसाधन जुटाए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा, “मैं इस महीने की शुरुआत में हुई भारी बारिश के बाद उत्तर बंगाल में आई बाढ़ और भूस्खलन प्रभावित इलाकों में पिछले कुछ दिनों से जारी राहत और पुनर्वास कार्यों की व्यक्तिगत रूप से निगरानी व समीक्षा कर रही हूं।”

ममता बनर्जी ने दिन में ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा था, “परसों (रविवार को), मैंने अलीपुरद्वार के हासीमारा और कल (सोमवार को) मैंने नागराकाटा, चालसा, माल और कुर्सियांग का दौरा कर प्रभावित परिवारों से मुलाकात की, अधिकारियों से बातचीत की और जमीनी स्तर पर जारी पुनर्निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया।”

मुख्यमंत्री ने अपने हालिया दौरे पर राहत शिविरों में रह रहे लोगों से बातचीत की और आपदा में क्षतिग्रस्त हुए प्रमुख बुनियादी ढांचे की मरम्मत कार्य की समीक्षा की।

भाषा जितेंद्र सुरेश

सुरेश