मिराज ने करगिल युद्ध में भी निभाई थी अहम भूमिका, इसकी मारक क्षमता और खासियत जानें

मिराज ने करगिल युद्ध में भी निभाई थी अहम भूमिका, इसकी मारक क्षमता और खासियत जानें

  •  
  • Publish Date - February 26, 2019 / 08:09 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:19 PM IST

नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी रडार सिस्टम को फेल करते हुए पाकिस्तान के नापाक इलाकों में प्रवेश कर आतंकी अड्डों और लॉन्च पैडों को तबाह किया है। इस हमले में 200 से 300 आतंकियों के मारे जाने का दावा किया है। इस कार्रवाई में जैश के कई बड़े कमांडर ढेर हो गए। कई जिहादी और फिदायीन के साथ लश्कर और हिज्बुल के आतंकी कैंप भी तबाह हो गए।

पढ़ें-कच्छ इलाके में पाकिस्तानी ड्रोन ढेर, भारतीय सीमा मे…

आइए अब आपको वायुसेना के मिराज की खासियत बताते हैं जिसने इस पूरे मिशन को बीस मिनट में अंजाम दिया और अपने तय समय में बिना किसी नुकसान के वापस लौट आए।

मिराज की खासियत-

मिराज मिका मिसाइल से लैस होता है। इसकी खासियत है कि यह हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है। इसे हवा और जमीन दोनों में इस्तेमाल किया जा सकता है। मिराज लेजर गाइडेड बम से हमला करने की क्षमता रखता है।

मिराज 2000 लड़ाकू विमान 29 जून, 1985 में भारतीय वायुसेना की नंबर-7 स्क्वाड्रन में औपचारिक रूप से शामिल किया गया था। करगिल युद्ध में दुश्मनों के दांत खट्टे करने वाला मिराज लड़ाकू विमान अब और ज्यादा ताकतवर और घातक बन चुका है। 1999 में करगिल युद्ध के दौरान मिराज 2000 ने अहम भूमिका निभाते हुए दुश्मन की रीढ़ तोड़ दी थी। मिराज द्वारा दागे गए लेजर गाइडेड बम ने दुश्मन के अहम बंकरों को ध्वस्त कर दिया था। वायुसेना के पास फिलहाल मिराज 2000 के दो बेड़े हैं।

पढ़ें- ग्वालियर एयरबेस से 12 मिराज ने भरी थी उड़ान, रात 12 बजे से बढ़ गई थी हलचल, फिदायीन के साथ जैश के कई कमांडर ढेर

अपग्रेड मिराज 2000 विमान फ्रांसीसी मीका मिसाइलों से लैस हैं। इस मिसाइल की खासियत यह है कि इससे हवा से हवा और जमीन से हवा में हर दो सेंकेंड में दुश्‍मन पर वज्रपात किया जा सकता है। मिराज 2336 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ान भर सकता है। यह प्रति मिनट 125 राउंड गोलियां दाग सकता है। इसके साथ यह 68 मिमी के 18 रॉकेट प्रति मिनट दाग सकता है। इस विमान का वजन 7500 किलोग्राम है। गोला बारूद को लेकर यह 13800 किलोग्राम के साथ उड़ान भर सकता है। मिराज को फ्रांस की कंपनी डसाल्ट ने निर्मित किया हो, लेकिन भारत की कंपनी हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड ने इन विमानों को अपग्रेड किया है।

<iframe width=”560″ height=”315″ src=”https://www.youtube.com/embed/EjSbu5nbEuo” frameborder=”0″ allow=”accelerometer; autoplay; encrypted-media; gyroscope; picture-in-picture” allowfullscreen></iframe>