मोदी का मास्टरस्ट्रोक, गणतंत्र दिवस पर हो रहा कुछ ऐसा जो पहले कभी नहीं हुआ, क्या मुस्लिमों को रिझाने की हैं ये कोशिश?

General CC was considered a staunch Muslim and that is why the army made him a means of keeping in touch with the Muslim Brotherhood. Muslim Brotherhood was an organization promoting Islamic movement in Egypt which is now banned

मोदी का मास्टरस्ट्रोक, गणतंत्र दिवस पर हो रहा कुछ ऐसा जो पहले कभी नहीं हुआ, क्या मुस्लिमों को रिझाने की हैं ये कोशिश?

The President of Egypt will be the chief guest on the Republic Day, he will be the first guest of the Muslim nation.

Modified Date: January 24, 2023 / 07:01 pm IST
Published Date: January 24, 2023 7:01 pm IST

नरेंद्र मोदी और अमित शाह अपने सियासी मास्टरस्ट्रोक के लिए जाने जाते हैं। राजनीति में मशगूल होते हुए वे अक्सर या कुछ काम कर जाते हैं जिसकी काट विपक्ष के पास भी नहीं होती। फिर वो चुनावी कयावद करते हुए कोई बड़े फैसले लेना हो या फिर कूटनीति या फिर पड़ोसी देश पाकिस्तान या चीन को उन्ही के अंदाज जवाब देना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस सियासी हुनर के कायल पूरी दुनिया के नेता हैं। अपने इसी अंदाज को जाहिर करते हुए प्रधानमंत्री इस गणतंत्र दिवस पर कुछ ऐसा करने जा रहे हैं जो आजाद भारत के इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ। तो क्या यह भी विपक्ष को मात देने की मोदी की एक चाल हैं या फिर वोट बैंक साधने का एक जुगाड़? जो भी हो पर केंद्र सरकार के इस फैसले की हर जगह तारीफ हो रही और आप भी शायद सरकार के इस कदम की प्रशंसा ही करें।

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दरअसल भारत में हर गणतंत्र दिवस पर किसी ना किसी विदेशी नेता को बतौर मुख्य अतिथि बुलाये जाने की परम्परा रही हैं. ओबामा और डोनाल्ड ट्रम्प भी दिल्ली में आयोजित होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि रह चुके हैं। लेकिन इस बार जिस वैश्विक नेता को रिपब्लिक डे का आमंत्रण मिला हैं वह कोई और नहीं बल्कि अफ़्रीकी देश मिश्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्तेह अल-सीसी हैं। लेकिन अब सवाल हैं की इसमें क्या खास हैं? बता दे की यह पहला मौका हैं जब किसी मुस्लिम देश के राष्ट्राध्यक्ष गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि होंगे।

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कौन हैं अब्देल फत्तेह अल-सीसी?

सीसी को मिस्र में एक प्रभावशाली नेता माना जाता है जिन्होंने देश में राजनीतिक स्थिरता पैदा की है। कहा जाता है कि मिस्र की सत्ता पर सीसी की पकड़ लोहे जैसी मजबूत है। राष्ट्रपति बनने से पहले सीसी मिस्र के सेना प्रमुख थे जिन्होंने जुलाई 2013 में राष्ट्रपति मोहम्मद मोर्सी को सत्ता से हटा दिया था। इसके एक साल बाद वो खुद मिस्र के राष्ट्रपति बन गए। सीसी का जन्म 1954 में काहिरा के गमलेया इलाके में हुआ था। सीसी का परिवार इस्लाम को मानने वाला एक धार्मिक परिवार था। उनके पिता फर्नीचर का काम करते थे और परिवार चलाने लायक कमा लेते थे। सीसी पढ़ने में बेहद अच्छे थे और बचपन से ही उनका झुकाव सेना की तरफ था। 1977 में सीसी ने मिस्र की सैन्य अकादमी से स्नातक की पढ़ाई पूरी की और इसके बाद पैदल सेना में भर्ती हो गए।

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जनरल सीसी एक कट्टर मुसलमान माने जाते थे और इसी कारण सेना ने उन्हें मुस्लिम ब्रदरहुड से संपर्क रखने का जरिया बनाया। मुस्लिम ब्रदरहुड मिस्र में इस्लामिक आंदोलन को बढ़ावा देने वाला संगठन था जिसे अब प्रतिबंधित कर दिया गया है। जून 2012 में मुस्लिम ब्रदरहुड के प्रमुख शख्सियत मुहम्मद मोर्सी मिस्र के राष्ट्रपति बने।

 


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