पाकिस्तान में उत्पीड़न के शिकार डेढ़ सौ से अधिक अल्पसंख्यक परिवार पहुंचे भारत, बताई आप बीती और मांगी नागरिकता

पाकिस्तान में उत्पीड़न के शिकार डेढ़ सौ से अधिक अल्पसंख्यक परिवार पहुंचे भारत, बताई आप बीती और मांगी नागरिकता

पाकिस्तान में उत्पीड़न के शिकार डेढ़ सौ से अधिक अल्पसंख्यक परिवार पहुंचे भारत, बताई आप बीती और मांगी नागरिकता
Modified Date: November 29, 2022 / 08:04 pm IST
Published Date: February 18, 2020 10:35 am IST

नई दिल्ली। पाकिस्तान में उत्पीड़न के शिकार हिंदू और सिख परिवारों का भारत आने का क्रम जारी है। अभी तक करीब 160 परिवार वाघा बॉर्डर के रास्ते भारत पहुंचे हैं और अब मजनू का टीला के पीछे रह रहे हैं। इन परिवारों से पूछताछ में उनहोने बताया कि पाकिस्तान में हम लोगों के साथ बुरा व्यवहार किया जाता था। हमारी बेटियों को उठा कर ले जाते थे। जैसे ही हमारी बेटियां 14 साल की होतीं, उनका अपहरण कर लिया जाता। फिर उनको इस्लाम धर्म स्वीकार करने के लिए मजबूर किया जाता और उनकी शादी करा दी जाती थी।

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दिल्ली सिख गुरुद्वारा कमिटी ने इन परिवारों का समर्थन किया है और सरकार से इन्हें भारत की नागरिकता देने की अपील की है। कमिटी के प्रेजिडेंट मनजिंदर सिंह सिरसा ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि पाकिस्तान में इन परिवारों के साथ जुल्म होता है। लिहाजा इन्हें भारत की नागरिकता दी जाए ताकि ये सम्मान से जी सकें।

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सिरसा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इन हिंदू-सिख शरणार्थियों को तत्काल नागरिकता प्रदान करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि इन शरणार्थी परिवारों के युवाओं ने भारतीय सेना और अर्धसैनिक बलों में अपनी सेवाएं देने की रुचि जाहिर की है, ताकि वे दुश्मन पाकिस्तान को सीमा पर करारा जवाब दे सकें।

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पाकिस्तान से आए ज्यादातर लोगों का कहना था कि उन्हें वहां बहुत खराब हालात में रहना पड़ रहा था। कारोबार नहीं करने दिया जाता और आए दिन मारपीट होती थी। ऐसे ही एक पीड़ित भरत ने बताया कि सीमा पार अल्पसंख्यकों के लिए रहना नरक से भी बदतर है, दुकानें भी तोड़ दी जाती हैं।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com