एनजीटी ने प्रदूषण फैलाने के लिए पत्थर खनन ईकाइयों पर 1.17 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया

एनजीटी ने प्रदूषण फैलाने के लिए पत्थर खनन ईकाइयों पर 1.17 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया

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  • Publish Date - May 28, 2021 / 07:57 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:35 PM IST

नयी दिल्ली, 28 मई (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने पर्यावरण में प्रदूषण फैलाने तथा उसे नुकसान पहुंचाने के आरोप में 21 पत्थर खनन एवं खदान ईकाइयों पर 1.17 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।

न्यायमूर्ति के. रामकृष्णन और विशेष सदस्य सैबल दासगुप्ता की पीठ ने इन उल्लंघनकर्ताओं को तीन महीने के भीतर 1,17,40,800 रुपये का हर्जाना देने का निर्देश दिया है।

अधिकरण ने आगाह किया कि अगर हर्जाना नहीं दिया गया तो आंध्र प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एपीपीसीबी) को कानून के अनुसार आवश्यक कार्रवाई करते हुए संबंधित जिलाधीश की मदद से धनराशि वसूलने के लिए उचित कदम उठाने का निर्देश दिया जाता है।

पीठ ने एपीपीसीबी को पत्थर तोड़ने वाली इन ईकाइयों का समय-समय पर निरीक्षण करने और अगर कोई उल्लंघन पाया जाता या सिफारिशों का अनुपालन नहीं पाया जाता तो ‘‘बोर्ड को इन ईकाइयों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया जाता है।’’

एनजीटी ने प्रत्येक ईकाई द्वारा हर्जाने की भरपाई करने के बारे में चार महीने में एक बार स्थिति रिपोर्ट सौंपने का निर्देश एपीपीसीबी को निर्देश दिया है।

एनजीटी ने यह फैसला एक किसान के. हिरोजी राव की याचिका पर सुनाया। इस किसान ने याचिका में आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले में बोम्मनहल मंडल में निमकल, उन्तेकल गांव में पत्थर तोड़ने वाली ईकाइयों के काम और उनसे हो रहे प्रदूषण के बारे में शिकायत की थी।

भाषा गोला अनूप

अनूप