एनजीटी ने अवैध बोरवेल के खिलाफ तीव्र कार्रवाई का दिया आदेश

एनजीटी ने अवैध बोरवेल के खिलाफ तीव्र कार्रवाई का दिया आदेश

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  • Publish Date - December 25, 2025 / 05:03 PM IST,
    Updated On - December 25, 2025 / 05:03 PM IST

नयी दिल्ली, 25 दिसंबर (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने प्रशासन को दिल्ली में विभिन्न रंगाई इकाइयों में चल रहे कई अवैध बोरवेल के खिलाफ की जाने वाली कार्रवाई पर दो महीने के भीतर अंतिम आदेश पारित करने का निर्देश दिया है।

अधिकरण एक ऐसे मामले की सुनवाई कर रहा था जिसमें आरोप लगाया गया था कि नरेला, बवाना, मायापुरी और लॉरेंस रोड में कई रंगाई इकाइयां अनिवार्य मंजूरी के बिना चल रही हैं।

यह भी आरोप लगाया गया है कि ये इकाइयां जहरीले अपशिष्टों को बिना शोधन के नालियों और खुली जमीन में बहा रही हैं, जिससे भूजल प्रदूषित हो रहा है और स्वास्थ्य संबंधी खतरे पैदा हो रहे हैं।

इससे पहले, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने इस वर्ष 17 फरवरी को एक कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल कर बताया था कि सभी 61 स्थानों पर किए गए निरीक्षण में, उसने पाया कि 18 इकाइयां पर्यावरण मानदंडों का अनुपालन कर रही थीं, जबकि 28 इकाइयां अनुपालन नहीं कर रही थीं, छह इकाइयां बंद पाई गईं और एक का पता नहीं चल सका।

दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) ने 29 मई को एक जवाब दाखिल कर बताया कि लॉरेंस रोड, मायापुरी, नरेला और बवाना के विभिन्न स्थलों पर संयुक्त निरीक्षण किया गया।

डीजेबी ने कहा कि इनमें से कुछ इकाइयों में अवैध बोरवेल पाए गए। इनमें से कुछ अवैध बोरवेल को सील कर दिया गया है, जबकि अन्य के खिलाफ कार्रवाई लंबित है।

एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव और विशेषज्ञ सदस्य ए सेंथिल वेल की पीठ ने 19 दिसंबर को अपने आदेश में कहा, ‘‘संबंधित प्रशासन को निर्देश दिया जाता है कि वह (अवैध बोरवेल के संबंध में) दो महीने के भीतर अंतिम आदेश पारित करे।’’

पीठ ने अवैध बोरवेल को सील करने भी निर्देश दिया।

भाषा

राजकुमार नरेश

नरेश