NIA Action in Bengaluru: पाकिस्तानी हसीना के चक्कर में देश से गद्दारी..! लीक की नेवी की सीक्रेट, एनआईए ने तीन आरोपियों को दबोचा

NIA Action in Bengaluru: पाकिस्तानी हसीना के चक्कर में देश से गद्दारी..! लीक की नेवी की सीक्रेट, एनआईए ने तीन आरोपियों को दबोचा

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  • Publish Date - February 19, 2025 / 03:04 PM IST,
    Updated On - February 19, 2025 / 03:12 PM IST

NIA Action in Bengaluru| Photo Credit: IBC24 File Image

HIGHLIGHTS
  • NIA ने भारतीय नौसेना की संवेदनशील जानकारी, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी 'आईएसआई' तक पहुंचाने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया।
  • तीनों आरोपी पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव्स (PIO) के संपर्क में थे।
  • सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तानी एजेंटों ने आरोपियों को हनीट्रैप में फंसाया और सेना की गोपनीय जानकारी हासिल की।

NIA Action in Bengaluru: राष्ट्रीय जांच एजेंसी ‘NIA’ ने भारतीय नौसेना की संवेदनशील जानकारी, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ‘आईएसआई’ तक पहुंचाने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। NIA ने आरोपी वेथन लक्ष्मण टंडेल और अक्षय रवि नाइक को कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले से गिरफ्तार किया है, जबकि अभिलाष पीए को केरल के कोच्चि से हिरासत में लिया गया है। ये तीनों आरोपी पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव्स (PIO) के संपर्क में थे। तीनों आरोपी, पीआईओ के गुर्गों को भारतीय नौसेना की संवदेनशील जानकारी भेज रहे थे। इसमें नौसेना एस्टेब्लिशमेंट और सुरक्षा उपकरणों से जुड़ी सूचनाएं भी शामिल थी। सूत्रों के मुताबिक, ये मामला हनी-ट्रैपिंग का है। यानि, पाकिस्तानी एजेंटों ने आरोपियों को हनीट्रैप में फंसाया और सेना की गोपनीय जानकारी हासिल की।

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पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी से मिलती थी मोटी रकम

NIA के मुताबिक, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने भारतीय नौसेना के कारवार बेस और कोच्चि नौसेना बेस पर भारतीय रक्षा प्रतिष्ठानों में सेंध लगाने की योजना बनाई थी। इसके लिए कई लोगों का नेटवर्क तैयार किया गया। जासूसी करने सभी लोगों को संवेदनशील जानकारी देने की एवज में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी से एक मोटी रकम मिलती थी। आरोपी वेथन लक्ष्मण टंडेल, अक्षय रवि नाइक और अभिलाष पीए से पहले भी जांच एजेंसी ने इस मामले में कई लोगों को गिरफ्तार किया था। बता दें कि, अभी तक इस केस में कुल आठ लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं।

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पीआईओ के संपर्क में थे आरोपी

जांच में ये बात सामने आई की गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपी वेथन लक्ष्मण टंडेल, अक्षय रवि नाइक और अभिलाष पीए, सोशल मीडिया के माध्यम से पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव्स (पीआईओ) के संपर्क में थे। कारवार नौसेना बेस और कोच्चि नौसेना बेस पर भारतीय रक्षा प्रतिष्ठानों के बारे में पाकिस्तान की एजेंसी को जो भी सूचनाएं मिलती थी, उसके बदले में आरोपियों को मोटी रकम मिलती थी। यह राशि उनके बैंक खातों में आती थी। हालांकि, पीआईओ द्वारा इसके लिए थर्ड पार्टी का इंतजाम किया गया था। ऐसा इसलिए , ताकि पाकिस्तानी एजेंसी सीधे तौर पर जासूसी कराने के आरोपों से बच जाए।

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पांच लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर

NIA ने इस मामले में अब तक दो फरार पाकिस्तानी गुर्गों सहित पांच लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। इनके खिलाफ मूल रूप से काउंटर इंटेलिजेंस सेल, आंध्र प्रदेश द्वारा जनवरी 2021 में आईपीसी की धारा 120 बी और 121 ए, यूए (पी) अधिनियम की धारा 17 और 18 और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम की धारा 3 के तहत केस दर्ज किया गया था। NIA  की जांच में सामने आया कि, पाकिस्तानी नागरिक मीर बालाज खान, गिरफ्तार आरोपी आकाश सोलंकी के साथ, भारत विरोधी साजिश के तहत भारतीय नौसेना से संबंधित संवेदनशील महत्वपूर्ण जानकारी लीक कर रहे थे। ये सभी लोग नौसेना से संबंधित जासूसी रैकेट में शामिल थे। मीर बालाज और सोलंकी के अलावा, एनआईए ने इस मामले में एक और फरार पीआईओ के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है, जिसकी पहचान अल्वेन, मनमोहन सुरेंद्र पांडा और अमान सलीम शेख के रूप में हुई है।

 

ISI क्या है और इसका भारत के खिलाफ क्या रोल है?

ISI (Inter-Services Intelligence) पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी है, जो अक्सर भारत के खिलाफ जासूसी और आतंकी गतिविधियों में शामिल पाई जाती है।

आरोपियों पर कौन-कौन से आरोप लगे हैं?

इन पर देशद्रोह, गोपनीय दस्तावेज लीक करने और राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ करने जैसी धाराओं के तहत कार्रवाई की जा रही है।

NIA क्या है और इसका काम क्या होता है?

NIA (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) भारत की प्रमुख आतंकवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों की जांच करने वाली एजेंसी है।

हनीट्रैपिंग क्या होती है?

हनीट्रैपिंग एक जासूसी तकनीक है, जिसमें दुश्मन देश के एजेंट किसी व्यक्ति को भावनात्मक या अन्य निजी तरीकों से फंसाकर उनसे गोपनीय जानकारी निकालते हैं।

इस मामले में NIA अब आगे क्या करेगी?

NIA अब डिजिटल सबूतों और संचार के तरीकों की जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि और कौन-कौन इस साजिश में शामिल हो सकता है।