‘144 साल की बात ही झूठ..’ आतिथ्य सिद्धांतों का नहीं किया पालन, जानें ममता बनर्जी के ‘मृत्यु कुंभ’ वाले बयान पर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने क्या कहा

'144 साल की बात ही झूठ..' आतिथ्य सिद्धांतों का नहीं किया पालन, जानें शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने क्या कहा!Swami Avimukteshwarananda Saraswati on Mahakumbh

  •  
  • Publish Date - February 19, 2025 / 01:50 PM IST,
    Updated On - February 19, 2025 / 01:52 PM IST

Swami Avimukteshwarananda Saraswati on Mahakumbh | Source : File Photo

HIGHLIGHTS
  • ममता बनर्जी ने उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में जारी महाकुंभ को लेकर विवादित बयान दिया है।
  • मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने महाकुंभ को मृत्यु कुंभ बताया है।
  • ममता बनर्जी ने कहा कि ये अब महाकुंभ नहीं रहा, मृत्यु कुंभ हो गया है।

नई दिल्ली। Swami Avimukteshwarananda Saraswati on Mahakumbh: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रयागराज में जारी महाकुंभ को लेकर विवादित बयान दिया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने महाकुंभ को मृत्यु कुंभ बताया है। ममता बनर्जी ने कहा कि ये अब महाकुंभ नहीं रहा, मृत्यु कुंभ हो गया है। ममता बनर्जी ने विधानसभा में बोलते हुए सरकार पर महाकुंभ में कोई इंतजाम नहीं करने का आरोप लगाया है। ममता बनर्जी के इस बयान से सियासी गलियारों में हलचल मच गई है। सत्ता पक्ष के नेता लगातार ममता बनर्जी के इस बयान का विरोध कर रहे हैं। तो वहीं अब इस मामले में साधु संतों के बयान भी आना शुरू हो गए हैं।

read more : Mamera Yatra Marriage : मामा ने भांजे की शादी को बना दिया यादगार, इस बात के लिए बैलगाड़ी से किया 260 किलोमीटर का सफर, पूरा मामला जान हो जाएंगे हैरान

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के ‘मृत्यु कुंभ’ वाले बयान पर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि 300 किलोमीटर लंबा ट्रैफिक जाम था, ये कुप्रबंधन नहीं तो और क्या है? लोगों को अपना सामान लेकर 25-30 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा। नहाने के लिए आने वाला पानी सीवेज के पानी में मिला हुआ है और वैज्ञानिक इसे नहाने लायक नहीं मानते, फिर भी आप करोड़ों लोगों को इसमें नहाने के लिए मजबूर कर रहे हैं। आपका काम था कि नालों को कुछ दिनों के लिए बंद कर देते या फिर उन्हें डायवर्ट कर देते ताकि लोगों को नहाते वक्त शुद्ध पानी मिल सके।

आपको 12 साल पहले पता था कि कुंभ 12 साल बाद आएगा, फिर आपने इस संबंध में कोई प्रयास क्यों नहीं किए। जब पहले से पता था कि इतने लोग आएंगे और जगह सीमित है, तो इसके लिए योजना बनानी चाहिए थी। आपने कोई योजना नहीं बनाई। झूठा प्रचार किया गया, 144 साल की बात ही झूठ है। भीड़ प्रबंधन और आतिथ्य सिद्धांतों का पालन नहीं किया गया। यहां तक ​​कि जब लोग मर गए, तब भी कोशिश की गई “इसको छिपाने के लिए, जो एक गंभीर अपराध था। ऐसे में अगर कोई इसे नाम से पुकारेगा, तो हम इसका विरोध नहीं कर पाएंगे।

महाकुंभ को लेकर ममता बनर्जी ने क्या कहा

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने महाकुंभ को लेकर कहा कि ये अब महाकुंभ नहीं रहा। मृत्युकुंभ हो गया है। महाकुंभ के प्रति पूरा सम्मान, श्रृद्धा है। पवित्र मां गंगा के प्रति पूरा सम्मान है लेकिन इन्होंने क्या किया। कोई प्लानिंग नहीं की, सिर्फ हाईप क्रिएट की, कितने लोगों की मौत हो गई है।

ममता बनर्जी ने कहा कि वो महाकुंभ और मां गंगा का सम्मान करती हैं लेकिन हकीकत ये है कि सरकार ने कुंभ के लिए कोई इंतज़ाम नहीं किए। इसलिए इतने लोगों की मौत हुई। ममता बनर्जी ने कहा कि अमीरों के लिए स्पेशल कैम्प बनाए गए हैं, उनका किराया एक लाख रूपये रोजाना का है लेकिन गरीबों के लिए कोई व्यवस्था नहीं। ममता ने कहा कि इस तरह के मेलों में भगदड़ की आशंका हमेशा रहती है लेकिन इस बार सरकार ने कोई इंतजाम नहीं किए।

 

1. ममता बनर्जी ने महाकुंभ को 'मृत्यु कुंभ' क्यों कहा?

ममता बनर्जी ने महाकुंभ को 'मृत्यु कुंभ' इसीलिए कहा क्योंकि उनका आरोप था कि सरकार ने महाकुंभ के आयोजन के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं की थी, जिससे कई लोगों की जान चली गई। उन्होंने कहा कि सरकार ने कोई योजना नहीं बनाई और न ही जनता के लिए पर्याप्त इंतजाम किए।

2. ममता बनर्जी का महाकुंभ पर क्या आरोप है?

ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि सरकार ने महाकुंभ के लिए किसी प्रकार की योजना नहीं बनाई। इसके परिणामस्वरूप ट्रैफिक जाम, पानी की गंदगी, और सुरक्षा की कमी जैसी समस्याएं सामने आईं। उन्होंने कहा कि अमीरों के लिए विशेष कैंप बनवाए गए थे, जबकि गरीबों के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं की गई।

3. महाकुंभ में कितने लोग मरे थे?

ममता बनर्जी ने दावा किया कि महाकुंभ के दौरान कई लोगों की मौत हो गई थी, और इसके लिए सरकार की असफल योजना को जिम्मेदार ठहराया। हालांकि, इस बयान के बाद कई साधु-संत और राजनीतिक नेता इस पर विवाद कर रहे हैं और इसे राजनीतिक चश्मे से देखा जा रहा है।

4. साधु-संतों का महाकुंभ पर क्या कहना है?

साधु-संतों ने महाकुंभ के दौरान व्यवस्था की आलोचना की है। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि कुंभ में भारी ट्रैफिक जाम और गंदे पानी जैसी समस्याएं थीं, और सरकार ने इन समस्याओं के समाधान के लिए कोई कदम नहीं उठाए। उन्होंने इसे कुप्रबंधन करार दिया।