‘नो पीयूसी, नो फ्यूल’ नियम से परेशानी हो सकती है, लेकिन आवश्यक है: दिल्ली मुख्यमंत्री

‘नो पीयूसी, नो फ्यूल’ नियम से परेशानी हो सकती है, लेकिन आवश्यक है: दिल्ली मुख्यमंत्री

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  • Publish Date - December 18, 2025 / 06:32 PM IST,
    Updated On - December 18, 2025 / 06:32 PM IST

नयी दिल्ली, 18 दिसंबर (भाषा) दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बृहस्पतिवार को कहा कि ‘नो पीयूसी, नो फ्यूल’ नियम से लोगों को असुविधा हो सकती है लेकिन सभी वाहनों की प्रदूषण जांच कराना और उनका प्रमाणन सुनिश्चित करना हम सबकी सामूहिक नैतिक जिम्मेदारी है।

‘नो पीयूसी, नो फ्यूल’ नियम के तहत जिन वाहनों के पास वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (पीयूसी) नहीं है, उन्हें पेट्रोल पंपों पर ईंधन नहीं दिया जाएगा।

यहां एक सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गुप्ता ने स्पष्ट किया कि वैध प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) प्रमाणपत्र के बिना दिल्ली में किसी भी वाहन को ईंधन भरने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शहर की बिगड़ती हवा को सुधारने के लिए नियमों का सख्ती से पालन करना अनिवार्य है।

उन्होंने कहा, ‘लोगों को असुविधा हो रही है लेकिन दिल्ली में चलने वाले हर वाहन को प्रदूषण फैलाए बिना चलना चाहिए। यह हमारी सामूहिक नैतिक जिम्मेदारी है कि हम अपने वाहनों को पीयूसी प्रमाणित कराएं।’

गुप्ता ने कहा, ‘कार-पूलिंग और सार्वजनिक परिवहन को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। परिवहन व्यवस्था में सुधार वायु गुणवत्ता में सुधार की कुंजी है।’

कार-पूलिंग एक ही स्थान पर जाने वाले दो या दो से अधिक व्यक्तियों का एक ही वाहन में साथ यात्रा करना है।

उन्होंने कहा कि सरकार राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण परीक्षण के बुनियादी ढांचे का विस्तार कर रही है। उन्होंने बताया कि दिल्ली में पीयूसी प्रमाणपत्र जारी करने वाले केंद्रों की संख्या बहुत कम थी लेकिन अब नंद नगरी, बुराड़ी और तेहखंड में स्वचालित परीक्षण केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं।

इस अवसर पर गुप्ता ने 100 इलेक्ट्रिक बसों को झंडी दिखाकर रवाना किया और धौला कुआं से हरियाणा के धारूहेड़ा के बीच अंतरराज्यीय बस सेवा की शुरुआत की।

नयी बसों के जुड़ने से इलेक्ट्रिक बसों की कुल संख्या बढ़कर 3,400 हो गई है।

भाषा

प्रचेता नरेश

नरेश