Maulana Arshad Madani. Image Source- ANI
सहारनपुरः Maulana Arshad Madani: अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी इन दिनों भारत के दौरे पर हैं। शनिवार को उन्होंने यूपी के देवबंद का दौरा कर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने मुलाकात की। इस दौरान दोनों के बीच कई अहम विषयों को लेकर चर्चा हुई। मुलाकात के बाद मदनी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि भारत और अफगानिस्तान के रिश्ते सिर्फ धार्मिक या शैक्षणिक नहीं, बल्कि ऐतिहासिक हैं।उन्होंने कहा कि मैंने उन्हें बताया कि हमारा रिश्ता सिर्फ मदरसों या तालीम तक सीमित नहीं है। अफगानिस्तान ने भारत की आज़ादी में योगदान दिया था। हमारे बुजुर्गों ने भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई में अफगान की भूमि को चुना था।
Maulana Arshad Madani: मौलाना अरशद मदनी ने आगे कहा कि जैसे भारत ने ब्रिटिश हुकूमत को हराया था, वैसे ही अफगानिस्तान ने अमेरिका और रूस जैसी ताकतों को परास्त किया। उन्होंने कहा कि आपने हमसे सीखा कि आज़ादी कैसे हासिल की जाती है। उन्होंने बताया कि अफगान के विदेश मंत्री मुत्तकी से यह मुलाकात भारतीय मुसलमानों और दारुल उलूम देवबंद के अफगानिस्तान से गहरे संबंधों का प्रतीक है। मदनी ने यह भी कहा कि भारत की यह शिकायत रही है कि अफगानिस्तान से आतंकवादी भारत भेजे जाते हैं, लेकिन इस बैठक के बाद यह साफ हो गया है कि अब अफगानिस्तान की ओर से भारत में कोई आतंकवादी नहीं आएगा।
#WATCH | Saharanpur, UP | After meeting Afghanistan Foreign Minister Amir Khan Muttaqi, Jamiat Ulema-e-Hind President Maulana Arshad Madani says, “… I told him that our ties with you are not just academic. You contributed to the independence of India. Our forefathers chose the… pic.twitter.com/pQkLZufGcq
— ANI (@ANI) October 11, 2025
वहीं, अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी ने शनिवार को कहा कि भारत और अफगानिस्तान के रिश्ते भविष्य में और मजबूत होंगे। उन्होंने दारुल उलूम देवबंद में मिले गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए भारत के लोगों का आभार जताया। दारुल उलूम देवबंद दक्षिण एशिया का सबसे प्रभावशाली इस्लामिक शिक्षण संस्थान माना जाता है। सहारनपुर पहुंचे मुत्तकी ने कहा कि हम यहां नए राजनयिक भेजेंगे और उम्मीद है कि आप लोग भी काबुल आएंगे। दिल्ली में मुझे जिस तरह का स्वागत मिला, उससे मुझे भरोसा है कि आने वाले समय में भारत-अफगानिस्तान संबंध और घनिष्ठ होंगे। ऐसे दौरे भविष्य में और भी बढ़ सकते हैं।