New criminal laws to be Taught in Colleges and Universities: नई दिल्ली। हाल ही में यूजीसी ने यूनिवर्सिटी-कॉलेजों को नए निर्देश जारी किए है। नए कानूनों के बारे में प्रचार करने के निर्देश जारी किए गए है। जिसके तहत छात्रों और शिक्षकों को नए क्रिमिनल कानूनों की जानकारी देने की बात कही गई है। यूजीसी ने कहा कि IPC की जगह लाए गए नए अपराधिक कानूनों के बारे में जागरुक किया जाए।
New criminal laws to be Taught in Colleges and Universities: यूजीसी का कहना है कि इन नए कानून और टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से पीड़ित को जल्द न्याय मिलेगा। इन कानूनों से संबंधित सभी जानकारियां छात्रों को दी जाए। इन कानूनों का प्रचार किया जाए और जो कुछ भी इन कानूनों को लेकर गलतफहमियां हैं, उन्हें भी दूर किया जाए।
New criminal laws to be Taught in Colleges and Universities: इस मामले में यूजीसी सचिव मनीष जोशी ने यूनिवर्सिटी और कॉलेजों को लिखे पत्र में कहा है कि प्रचार सामग्री के माध्यम से प्रदर्शनी अभियान चलाएं। सेमिनार आयोजित किए जाएं, जिनमें जस्टिस, वकील, रिटायर्ड जज और संस्थान के संबंधित फैकल्टी सदस्यों को शामिल किया जाए। भारतीय न्याय संहिता बिल 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता बिल 2023, भारतीय साक्ष्य बिल 2023 बिलों को संसद से मंजूरी मिल चुकी है।
New criminal laws to be Taught in Colleges and Universities: ये तीनों विधेयक भारतीय दंड संहिता (IPC) 1860, दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) 1898 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 के स्थान पर लाए गए हैं। भारत के आपराधिक न्याय प्रणाली में एक नए युग की शुरुआत होगी। जल्द से जल्द न्याय देने के लिए ये विधेयक लाए गए हैं। कानूनों को सरल बनाया गया है, तकनीक का प्रयोग बढ़ाया गया है।
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